भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी बुक्कल नवाब ने सोमवार (10 सितंबर) को शिया वक्फ बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बुक्कल नवाब ने उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे का ऐलान किया है। बुक्कल नवाब ने अपने इस्तीफे का कारण बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार को बताया है। पत्र में उन्होंने बोर्ड को भंग करने की सिफारिश भी की है।
अपने पत्र में बुक्कल नवाब ने लिखा कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को वोट देने का फैसला उन्होंने तत्कालीन अल्पसंख्यक मंत्री मोहम्मद आजम खान के कहने पर लिया था। अपने पत्र में बुक्कल नवाब ने आजम खान को ‘यजीद’ कहकर भी संबोधित किया है। अपने इस फैसले को बुक्कल नवाब ने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल के तौर पर स्वीकार किया है।
#Lucknow : भाजपा MLC @Bukkalnawabbjp ने दिया शिया वक्फ बोर्ड की मेंबरशिप से इस्तीफा. @BJP4UP pic.twitter.com/qIzbK7te84
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) September 10, 2018
अपने पत्र में बुक्कल नवाब ने आरोप लगाया कि सदस्य बनने के बाद मैने आज तक बोर्ड की किसी भी बैठक में हिस्सा नही लिया। मैं मानता हूं कि शिया वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार के मामले में सूबे में सबसे बडा बोर्ड है। भाजपा पार्षद ने शिया वक्फ बोर्ड को तत्काल प्रभाव से भंग करने की मांंग करते हुये बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
भाजपा नेता का यह कदम मौजूदा अध्यक्ष वसीम रिजवी के लिये बडा झटका माना जा रहा है। अयोध्या में राममंदिर निर्माण की वकालत को लेकर वसीम रिजवी पहली बार सुर्खियों मे आये थे। उन्होने मुस्लिम धर्मगुरूओं के खिलाफ कई विवादित बयान दिये। जानेमाने शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद पहले ही रिजवी को शिया वक्फ बोर्ड से हटाने की मांग कर चुके है। उन्होेंने धर्मगुरूओं के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने के लिये श्री रिजवी को शिया समुदाय से बाहर करने की वकालत की थी।
बुक्क्ल नवाब, भाजपा में मुस्लिम समाज के प्रगतिवादी नेता के तौर पर पहचाने जाते हैंं। हाल ही में, रक्षाबंधन के मौके पर बुक्कल नवाब ने गायों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया था। जबकि इससे पहले लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर स्थित संकटमोचन हनुमान मंदिर में उन्होंने 20 किलो वजनी पीतल का घंटा चढ़ाया था।