उत्तर प्रदेश में इस वर्ष के अंत में निकाय चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी इस चुनाव की तैयारी में जुट गई है। बीजेपी इस बार के निकाय चुनाव में मुस्लिमों को अच्छी-खासी संख्या में टिकट देने जा रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने भी एक बयान में कहा था कि निकाय चुनाव में बीजेपी अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को भी टिकट देगी।
वहीं अब बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने भी कहा है कि पार्टी मुस्लिमों को टिकट देगी। बासित अली ने समाचार चैनल आजतक से बात करते हुए कहा, “लगभग 1200 वार्ड ऐसे हैं जहां पर अल्पसंख्यक समाज निर्णायक हैं या वहां अन्य कोई समाज नहीं है। इस बार बीजेपी ने तय किया है कि ऐसे वार्डों में एक कैंडिडेट दे करके पार्टी के सिंबल पर लड़ाया जायेगा।”
बासित अली ने कहा, “पिछले आठ सालों के दौरान मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व में अल्पसंख्यक समाज बीजेपी से जुड़ा है और यूपी के अन्दर लगभग साढ़े चार करोड़ लाभार्थी अल्पसंख्यक समाज के हैं, जिनकी हर बूथ पर उपस्थिति करीब 100 की संख्या में है। ये जो 100 की संख्या है वो वोट में तब्दील हो। अगर ये वोट देंगे तो 2024 में भी वोट देंगे और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।”
बासित अली ने आगे कहा कि बीजेपी गरीबों, शोषितों और वंचितों के लिए काम कर रही है और दीन दयाल उपाध्याय के रास्तों पर चल रही है। बासित अली ने कहा, “इस बार पूरा देश देखेगा कि यूपी में बड़ी संख्या में मुस्लिम जीत कर आएंगे। पसमांदा मुस्लिमों को भी साधा जायेगा क्योंकि उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। पिछली सरकारों ने उनके लिए कुछ नहीं किया। लेकिन जबसे बीजेपी की सरकार आई है उसके बाद से उनकी स्तिथि सुधरी है और उन्हें योजनाओं में हिस्सेदारी मिली है। उन्हें 20 लाख आवास दिए गए हैं।”
बासित ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करती है, वहीं विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति करता है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हमारे पसमांदा हैं, अल्पसंख्यक आयोग, उर्दू अकादमी, मदरसा आयोग के चेयरमैन पसमांदा समाज से हैं। अल्पसंख्यक मोर्चे के 80 फीसदी लोग भी पसमांदा समाज से हैं।