सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि आजमगढ़ चुनाव में बीजेपी कहीं भी नहीं है। निरहुआ के साथ चल रहे 60 से 70 फीसदी लोग वोटर ही नहीं हैं। उनके साथ में तीन-चार हीरोईन चलती हैं। लोग उनको ही देखने जा रहे हैं। उनका कहना था कि ये लोग अश्लील गाना गाते हैं। आजकल के लड़के इस तरह की चीजों को पसंद करते हैं। तभी उनके साथ दिख रहे थे। आजमगढ़ में आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है और आखिरी दिन की बड़ी रणनीति पर काम जारी है।
राजभर का कहना था कि चुनाव में लोग कह रहे हैं कि त्रिकोणीय संघर्ष है। लेकिन ये कहां है। बसपा बची नहीं तो बीजेपी केवल प्रचार में ही दिख रही है। उनका कहना था कि सपा ये सीट निश्चित तौर पर जीतेगी। हमारे सैकड़ों नेता धरातल पर उतरकर काम कर रहे हैं। अग्निपथ स्कीम को लेकर ग्रामीण इलाकों में काफी नाराजगी है। लोग कह रहे हैं कि क्या उनके बच्चे अब संविदा के आधार पर नौकरी करेंगे। सरकार को ये चीज नहीं दिख रही है पर चुनाव में ये ही लोग उनको नीचे लाने का काम करेंगे। सरकार को लग रहा है कि स्कीम को लेकर अब कोई विरोध नहीं है।
योगी आदित्यनाथ और बीजेपी की तमाम मशीनरी के चुनाव मैदान में उतरने पर उनका कहना था कि क्या मुख्यमंत्री के कहने पर यादव, मुस्लिम और राजभर समाज वोट देगा। राहू-केतु वाले बयान पर उनका कहना था कि योगी जब सीएम नहीं थे तो पिछड़े समाज के लिए आरक्षण की बात करते थे।
राजभर का कहना है कि सीएम बनने के बाद आज 1700 थानों में एक भी राजभर, नाई…जैसी जातियों का थाना प्रभारी नहीं है। ये जुमलाबाजी करके लोगों के वोट लेने की बात करते हैं। बुल्डोजर पर उनका कहना था कि मऊ में ये चला था। लेकिन क्या बीजेपी को वहां वोट मिले। इसका कोई फायदा नहीं है। ये सरकार कानून को अपने हाथ में लेकर लोगों को डरा रही है।
उनका कहना था कि अखिलेश ने उन्हें चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी है। तीन दिन उनकी बात हुई है। वो कह रहे थे कि चुनाव बेहतर जा रहा है। आपके ही जिम्मे सारा चुनाव है। उनका कहना था कि विकास की बात करने वाले लोग पिछड़े दलितों को विनाश की तरफ ले जा रहे हैं। सभी भर्तियों में विकास के नाम पर आरक्षण को लूटा जा रहा है। ये बात तो करते हैं संविधान की पर उसे मानने से ही गुरेज करते हैं।
गुड्डू जमाली से लड़ाई मान रहे निरहुआ
दिनेश लाल निरहुआ का कहना है कि आजमगढ़ की जनता सत्ता के साथ जा रही है। पहले कुछ लोग विरोध कर रहे थे आज वो लोग भी उनके साथ हैं। निरहुआ मानते हैं कि उनकी लड़ाई बसपा के गुड्डू जमाली से है। तभी अखिलेश यादव चुनाव में नहीं आए। वो मानते हैं कि बदलाव की जरूरत है। बनारस और गोरखपुर कहां से कहां पहुंच गए। आजमगढ़ वहीं का वहीं खड़ा है। 10 सीटें जीतने के बाद भी सपा लोगों के लिए कोई काम नहीं कर पा रही है, क्योंकि समाजवादी सत्ता में नहीं है।