उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियां जनसभाओं के जरिए लोगों को अपने पक्ष में करने की जुगत कर रही हैं। आज गृह मंत्री अमित शाह आजमगढ़ तो अखिलेश यादव गोरखपुर में जनसभा करेंगे। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी आज मेरठ में रैली करने वाले थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। ओवैसी की जनसभा के लिए पंडाल लग चुका था, मंच बन चुका था लेकिन इजाज़त न मिलने की वजह से सारा प्रबंध धरा का धरा रह गया।

जब पुलिस प्रशासन ने जनसभा को अनुमति नहीं दी तो रात में ही टेंट खुलने शुरू हो गए। एआईएमआईएम नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और वे धरने पर बैठ गए। यूपी प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली धरने पर बैठे थे। बताया गया कि बाद में पुलिस ने दूसरी जगह रैली करने की अनुमति दी। हालांकि इस जनसभा को रद कर दिया गया।

एडीएम सिटी के मुताबिक जहां रैली होनी थी वह जमीन जिला पंचायत और नगर निगम दोनों की है। इसलिए यहां कार्यक्रम करने के लिए दोनों जगह से इजाज़त लेनी जरूरी होती है। बिना इसके पुलिस भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दे सकती।

पार्टी के जिलाध्यक्ष नौशाद के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से पार्टी के कार्यकर्ता अनुमति के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे। जब वे नौचंदी मैदान की अनुमति लेने नगर निगम के पास गए तो उन्होंने जिला पंचायत भेज दिया। जब वहां पहुंचे तो थाने भेज दिया गया। हालांकि समय आने तक उन्हें अनुमति नहीं मिल पाई।

बता दें कि ओवैसी ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वह उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इन दिनों वह न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस और सपा पर भी जमकर हमला कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में भारत के बंटवारे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया। इसके अलावा भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि हरा रंग देखते ही भक्त लाल हो जाते हैं।