बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी रालोसपा एनडीए से अलग हो महागठबंधन में शामिल हो गई। रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा और मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। महाराष्ट्र में भी सहयोगी पार्टी शिवसेना के तेवर तल्ख हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि यदि भाजपा राम मंदिर निर्माण को लेकर फैसला नहीं करती तो वह आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ आने के फैसले पर विचार कर सकती है। अब उत्तर प्रदेश में भाजपा की एक सहयोगी पार्टी ने शीट शेयरिंग को लेकर अपनी आंखे तरेरी है। ‘अपना दल’ ने कहा कि भाजपा उन्हें उचित सम्मान नहीं दे रही है। इसका नतीजा एनडीए को यूपी में भुगतना पड़ेगा।

अपना दल के नेता आशीष पटेल ने शीट शेयरिंग के मुद्दे पर कहा, “उत्तर प्रदेश भाजपा नेतृत्व हमें उतना सम्मान नहीं दे रही जितना मिलना चाहिए। भाजपा को हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मिली पराजय से सीख लेनी चाहिए। सपा और बसपा का गठबंधन हमारे लिए चुनौति है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के सहयोगी दलों में नाराजगी है। इस मामले पर केंद्रीय नेतृत्व को उचित कदम उठाना चाहिए अन्यथा यूपी में एनडीए को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”

बता दें कि कुछ समय पहले तक बिहार में भी एनडीए के सहयोगी दलों भाजपा, जदयू और लोजपा के बीच खिंचतान चल रही थी। हालांकि, बाद में तीनों दलों के बीच शीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन गई। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। आगामी चुनाव में इनमें 17 पर भाजपा, 17 पर जदयू और शेष छह सीटों पर लोजपा अपना प्रत्याशी उतारेगी।