प्रयागराज में विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं ने संगम नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में मीट बैन करने की मांग की है। सबसे अहम बात यह है कि विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं को प्रयागराज के साधू संतों का भी साथ मिला है। विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर संगम के पांच किलोमीटर के दायरे में मांस, मछली, अंडा और शराब पर पाबंदी लगाने की मांग की है।
विश्व हिन्दू परिषद के गोरक्षा काशी प्रान्त के मंत्री लाल मणि तिवारी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा है कि तीर्थराज प्रयागराज करोड़ों सनातनी हिन्दुओं के आस्था का बड़ा केंद्र है। उन्होंने पत्र में लिखा कि यहां पर कुंभ,अर्ध कुंभ या फिर माघ मेले के अलावा जब दूरदराज से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं, उस दौरान वो मांस, मछली और शराब जैसे अनैतिक गतिविधियों को देखते हैं, तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है। ऐसे में इन सभी पदार्थों की खरीद और बिक्री पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए।
वहीं विश्व हिन्दू परिषद की मांग का समर्थन बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी महंत बलबीर गिरी महाराज ने किया है और कहा है कि ये मांग वर्षों से हो रही है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी खुद एक सन्यासी हैं और उन्हें यकीन है कि सीएम योगी इसपर जल्द फैसला लेंगे और संगम की गरिमा का मान रखेंगे। वीएचपी के साथ साधू संतों की मांग पर सरकार कोई कदम उठाएगी या नहीं, ये आने वाला समय बताएगा।
इससे पहले पिछले साल सितम्बर में यूपी सरकार ने मथुरा में मंदिर के आस पास शराब-मांस की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया था। सीएम योगी ने ऐलान किया था कि तीर्थ स्थल क्षेत्र में शराब-मांस की बिक्री नहीं होगी। ब्रज क्षेत्र में आने वाले यात्रियों की आस्था को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया था।
पिछले वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा आए थे। इस दौरान उन्होंने संतों की इच्छा के अनुसार काम करते हुए मथुरा में मांस और मदिरा की बिक्री पर रोक लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि इससे प्रभावित लोग दुग्ध का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। योगी सरकार ने मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्मस्थल को केंद्र में रखकर 10 किलोमीटर के रेडियस वाले क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किया है। इसमें मथुरा नगर निगम के कुल 22 वार्ड शामिल हैं।