उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक मुस्लिम बहुल इलाके में आपत्तिजनक पोस्टर लगा हुआ मिला और ये पोस्टर वायरल हो गया। पोस्टर वायरल होने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है और जांच जारी है। साथ ही पुलिस ने कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। कन्नौज के कोतवाली क्षेत्र के शेखपुरा मोहल्ले का यह मामला है। पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि ऐसे पोस्टर को शेयर करने पर कार्रवाई की जाएगी।
इलाके के खम्बों और दीवारों पर ये आपत्तिजनक पोस्टर लगाएं गए थे, जिसको लेकर लोगों में रोष पनपने लगा था। पोस्टर में कुरान की आयातों का भी जिक्र किया गया था। कन्नौज पुलिस ने ट्वीट कर कहा, “प्राप्त सूचना के आधार पर मौके पर पहुँचकर तत्काल होर्डिंग को हटवा दिया गया है। होर्डिंग लगाने वाले अराजक तत्त्वों के बारे में जानकारी की जा रही है।”
वहीं प्रयागराज हिंसा मामले में कुछ और अहम खुलासे हुए हैं। प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार मदरसा छात्र इमरान की गिरफ़्तारी के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। पाकिस्तान के वीडियो को दिखाकर हिंसा के लिए लोगों को उकसाया गया था। हिंसा से पहले एक मसलक-ए-आला-हजरत नाम का व्हाट्सअप ग्रुप बनाया गया था और हिंसा से ठीक एक दिन पहले इस ग्रुप में भड़काऊ वीडियो और भाषण पोस्ट किये गए थे।
इमरान की गिरफ्तारी के बाद ये बड़ी बात सामने आई है। व्हाट्सअप ग्रुप में वीडियो देखने के बाद इमरान प्रदर्शन में शामिल हुआ था। इमरान जिस मदरसे में पढता था, वहीं के पूर्व छात्र ने ये ग्रुप बनाया था। इमरान ने पुलिस को दिए अपने बयान में यह सब बताया है। इमरान ने पुलिस को बताया है कि प्रयागराज का ही रहने वाला अम्मार नाम के व्यक्ति ने यह व्हाट्सअप ग्रुप बनाया था। अम्मार अब बंगाल में रहता है। व्हाट्सअप कॉल के ही जरिए भारत बंद की बातचीत की गई थी और इसमें शामिल होने के लिए न्योता दिया गया था।
वहीं समाचार चैनल एबीपी न्यूज़ की एक खबर के अनुसार कानपुर के जनता मेडिकल स्टोर पर दावत-ए-इस्लामी का डोनेशन बॉक्स रखा हुआ मिला। इस खबर के बाद यूपी पुलिस की टीम मेडिकल स्टोर पर पहुंची और इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर ये दान क्यों इकठ्ठा किया जा रहा है। कानपुर के जूही इलाके के परमपुरवा में यह मेडिकल स्टोर स्थित है।
