फेसबुक व्हिसलब्लोअर और डेटा साइंटिस्‍ट सोफी झांग ने द इंडियन एक्सप्रेस शो के साथ एक दस्तावेज साझा किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि फेसबुक ने बीजेपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई से इंकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि फेसबुक ने उन फर्जी खातों के एक कथित नेटवर्क पर कार्रवाई नहीं की, जो कौशांबी से बीजेपी सांसद विनोद सोनकर द्वारा साझा किए गए पोस्ट को बढ़ाने में शामिल था।

सोफी झांग द्वारा साझा किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कंपनी के एक कर्मचारी ने स्वीकार किया कि नेटवर्क ने मेटा-स्वामित्व वाली प्लेटफ़ॉर्म की नीतियों व अनुरोधों का उल्लंघन किया है। इस मामले को फेसबुक इंडिया पॉलिसी टीम के ध्यान में लाया गया, लेकिन कंपनी ने महीनों तक इस पर कार्रवाई नहीं की। दस्तावेज़ों में दिसंबर 2019 और सितंबर 2020 के बीच फ़ेसबुक पर झांग और कई कर्मचारियों के बीच आंतरिक बातचीत शामिल है। उस दौरान वह जिन कर्मचारियों से बात कर रही थी, वे फेसबुक पर अप्रमाणिक गतिविधि की निगरानी और कार्रवाई के लिए जिम्मेदार हैं।

जांच करने पर झांग ने महसूस किया कि फर्जी आईडी में से एक बीजेपी सांसद सोनकर के अपने फेसबुक अकाउंट से संबंधित है। इससे संकेत मिलता है कि या तो सीधे विनोद सोनकर या उनके खाते तक पहुंच रखने वाला कोई व्यक्ति, नेटवर्क का एक हिस्सा था, जो नकली खातों के समन्वय में शामिल था और अपने फेसबुक पोस्ट की लोकप्रियता को बढ़ा रहा था। आगे की जांच ने संकेत दिया कि बीजेपी सांसद सोनकर के परिवार के सदस्य भी संभवतः अनधिकृत खातों को संचालित करने में शामिल थे।

दस्तावेजों से पता चलता है कि सोफी झांग ने आठ महीने के दौरान फेसबुक को विनोद सोनकर से जुड़े नेटवर्क पर कार्रवाई करने के लिए कम से कम पांच बार याद दिलाया। फरवरी 2020 में कंपनी के भारत नीति निदेशक, शिवनाथ ठुकराल ने भी आंतरिक मंच की सदस्यता ली थी, जहां सोफी झांग अपनी चिंताओं को उठा रही थीं। उनके बार-बार अनुरोध के बावजूद फेसबुक ने बीजेपी सांसद सोनकर से जुड़े नेटवर्क पर कोई कार्रवाई नहीं की।

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा संपर्क किए जाने पर बीजेपी सांसद विनोद सोनकर ने कथित नेटवर्क के समन्वय में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया। इसके बजाय उन्होंने फेसबुक पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उनके हैंडल ने कंपनी की नीतियों का उल्लंघन किया है, तो इसे क्यों नहीं हटाया गया। उन्होंने आगे कहा कि मैं नकली खाते बनाने या प्रबंधित करने के लिए तकनीकी रूप से जागरूक नहीं हूं। मैं एक पिछड़े क्षेत्र से आता हूं और हम व्हाट्सएप चला लें तो बहुत बड़ी बात है।