Aligarh Muslim University: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में सर सैयद डे पर आयोजित डिनर में छात्राएं फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गईं। विश्वविद्यालय में मंगलवार को 206वां सर सैयद डे का जश्न चल रहा था। इसी जश्न में खाना खाने के बाद 300 से ज्यादा छात्राओं की फूड प्वाइजनिंग के चलते तबीयत बिगड़ गई। छात्राओं की तबीयत बिगड़ती देख AMU इंतजामिया हरकत में आया। आनन-फानन में छात्राओं को इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल में भर्ती कराया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है।

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की 300 से अधिक छात्राओं की फूड प्वाइजनिंग के चलते बुधवार सुबह अस्पताल ले जाया गया। पिछली रात हॉस्टल में डिनर के बाद उनमें लक्षण दिखने शुरू हुए। उन्होंने बताया कि दोपहर तक उनमें से लगभग सभी को विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई।

अस्पताल के मुख्य अधीक्षक डॉ हारिस मंज़ूर खान ने कहा, “तबीयत बिगड़ने के चलते छात्राएं सुबह-सुबह आना शुरू हो गईं। हमने लगभग 300 लड़कियों का इलाज किया है। एक बार उनमें सुधार दिखने पर हमने उन्हें छुट्टी दे दी। हम सभी छात्राओं के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, वे बेगम अज़ीज़ुन निसा हॉल की थीं। एएमयू का बेगम अज़ीज़ुन निसा हॉल एक महिला छात्रावास है, जिसमें 1,500 छात्राएं रह सकती हैं।

घटना की खबर फैलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। अधिकारियों ने छात्रावास के रसोई में रखे भोजन के नमूने लेने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम को रवाना किया। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों और खाद्य निरीक्षकों ने छात्रावास से भोजन के नमूने एकत्र किए हैं। एएमयू प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

एएमयू टीचर्स एसोसिएशन (एएमयूटीए) के पदाधिकारी स्थिति पर चर्चा के लिए बुधवार शाम को बैठक करेंगे। एएमयूटीए सचिव ओबैद अहमद सिद्दीकी ने संवाददाताओं से कहा कि “इस गंभीर मामले की जांच तभी सार्थक होगी जब यह समयबद्ध होगी”। उन्होंने कहा, दूसरा मुद्दा जिसकी जांच की जानी है वह तदर्थ तरीका है जिसके तहत “विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा हाल के महीनों में खाद्य आपूर्ति के लिए निविदाओं को मंजूरी दी जा रही थी”।

सिद्दीकी ने दावा किया कि यदि उच्च-स्तरीय जांच की जाए, तो “खाद्य सामग्री खरीद प्रक्रियाओं में बड़ी अनियमितताओं का खुलासा होने की संभावना है”। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में विश्वविद्यालय के अन्य छात्रावासों में रहने वाले छात्रों ने भोजन की गुणवत्ता के बारे में शिकायत की है, लेकिन ऐसी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया।