मथुरा के कोसीकला में स्थित शाहपुर गांव में बिहारी जी के मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से मजार बनाने के मामले में 23 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि 2004 में समाजवादी पार्टी के नेता ने अधिकारियों से सांठगांठ कर बिहारी जी के मंदिर को कब्रिस्तान में दर्ज करा लिया था। 2020 में बिहारी जी के मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में मौजूद सिंहासन को तोड़कर मजार बना ली गई थी।

धर्म रक्षा संघ की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया। आरोपियों में तत्कालीन तहसीलदार, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक एवं ग्राम प्रधान सहित सपा नेता भी शामिल हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक मामले में कोई अरेस्ट नहीं हुई है। ध्यान रहे कि जब ये सारा गोलमाल किया गया तब यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। सपा नेताओं का तब बोलबाला था।

एसपी देहात श्रीश चंद्र ने बताया कि कोसीकला थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में कुछ लोगों ने अवैध निर्माण किया था। कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से निर्माण कराया गया है। जांच में आरोप सही पाया गया। पुलिस ने तहसीलदार, लेखपाल राजस्व निरीक्षक, तत्कालीन प्रधान रामवीर, फुर्शीद उप प्रधान, शौकत, अहमद, युसूफ, अजीज, लुकमान, नवाब कुरैशी, नासिर पठान, अशरफ एहसान, हनीफ, इमरान, इरशाद, जफर, शमशाद, सलीम, शकील, असगर, नवाब खान, भोले पठान के खिलाफ केस दर्ज किया है।

धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने बताया कि शाहपुर गांव में बिहारी जी के मंदिर के स्थान पर मुस्लिम समाज ने मजार बनाई गई। इस मजार के बनने का विरोध पिछले 2 साल से धर्म रक्षा संघ करता आ रहा है। उनका कहना है कि धर्म रक्षा संघ के कार्यकर्ताओं ने उस समय भी विरोध किया लेकिन प्रशासन के सहयोग से कार्यकर्ताओं को जेल में डलवा दिया और मजार का निर्माण हो गया।

सौरभ गौड़ ने बताया कि 2020 में योगी सरकार के दौरान भी निचले स्तर पर प्रशासन ने पूरी तरह से मुस्लिम समाज का साथ दिया। उन्होंने ऊपर तक मामला पहुंचाया तो जांच हुई। वक्फ बोर्ड कमेटी ने भी लिखकर दे दिया यह कब्रिस्तान की जगह नहीं है। जांच में भी पूरी तरह से वह जगह बिहारी जी के मंदिर की निकली।