उत्तर प्रदेश की करीब ढाई लाख एकड़ बंजर जमीन अब सोना उगलने लगी है। महज साढ़े छह सालों के भीतर भाजपा की सरकार ने प्रदेश की ढाई लाख एकड़ बंजर जमीन को कृषि योग्य बना दिया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही कहते हैं, प्रदेश की बंजर जमीन को कृषि कार्य के लिए तैयार करना किसी चुनौती से कम नहीं था। हमारा लक्ष्य प्रदेश की 24 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन को पूरी तरह कृषि योग्य बनाने का है। इस काम को युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है।

कृषि मंत्री कहते हैं, उत्तर प्रदेश की 24 लाख हेक्टेयर जमीन ऐसी है जो कृषि के नाम पर सरकारी अभिलेखों में दर्ज तो थी लेकिन बंजर अथवा बीहड़ या जल आच्छादित होने की वजह से वहां कृषि कार्य कर पाना नामुमकिन था। इसकी सबसे बड़ी वजह जमीन का पूरी तरह बंजर होना था। या उस पर पानी भरा होने की वजह से वहां खेती कर पाना नामुमकिन था।

इसे मुमकिन करने के लिए प्रदेश सरकार ने 422.34 करोड़ रुपए खर्च किए। इसका नतीजा यह हुआ कि जो फसल सघनता 159 फीसद थी वह पांच वर्षों में 20 फीसद बढ़ कर 179 फीसद हो गई और प्रदेश की ढाई लाख एकड़ जमीन के माथे से बंजर का कलंक हट गया। उत्तर प्रदेश में तेजी से फैल रहे सड़कों के जाल की कीमत यहां के खेतों को चुकानी पड़ रही है। इसका सीधा असर कृषि उपज पर पड़ रहा है।

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प्रदेश की 25 हजार हेक्टेयर जमीन हर साल या तो एक्सप्रेस वे के बनने में जा रही है, या बढ़ता शहरीकरण उसे अपनी आगोश में ले रहा है। हर साल कृषि योग्य भूमि में आ रही 25 हजार हेक्टेयर की कमी से पार पाने के लिए प्रदेश सरकार ने उस 25 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन को पूरी तरह कृषि योग्य बनाने का बीड़ा उठाया है जिस पर कभी खेती नहीं की जा सकी।

शाही कहते हैं, हमारा पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश को पूरी तरह बंजर जमीन से मुक्त कराना है। इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। प्रदेश की बंजर जमीन को कृषि योग्य बनाने के लिए मनरेगा के तहत रोजगार भी सृजित किए जा रहे हैं। इस काम को अंजाम तक पहुंचाने में लाखों मनरेगा श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। प्रदेश की कृषि योग्य जमीनों की उपज क्षमता को बढ़ाने की दशा में भी युद्ध स्तर पर काम जारी है।

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2017 से 2022 के मध्य भाजपा सरकार ने दलहनी फसलों में दो लाख हेक्टेयर से अधिक और एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र तिलहनी फसलों का बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है। किसानों की मिट्टी का मिजाज क्या है? इसे पहचानने के लिए तीन करोड़ 81 लाख किसानों को कृषि विभाग ने मृदा परीक्षण कार्ड सौपा है।

इस कार्ड के जरिये किसानों को यह जानकारी पहले से ही होगी कि उनकी जमीन किस तरह की फसल को पैदा करने में सक्षम है। कृषि मंत्री कहते हैं, पांच सालों में सरकार प्रदेश की छह लाख हेक्टेयर से अधिक बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाने में कामयाब हो जाएगी और दस वर्ष के भीतर प्रदेश को बंजर जमीन से पूरी तरह मुक्त कराना सरकार की प्राथमिकता होगी।