दुनिया के किसी भी मां-बाप के लिए अपने बच्चों की खुशियों से ज्यादा शायद ही कुछ मायने रखता हो। मां-बाप अपने बच्चों की खुशियों के लिए हर संभव प्रयास भी करते हैं लेकिन यूपी के सहारनपुर के रहने वाले अंकित शर्मा और मिनाक्षी शर्मा, उन बदनसीब लोगों में से हैं, जो अपनी आंखों के सामने अपने बच्चे को मरते देख रहे हैं। अंकित और मीनाक्षी का बेटा भूदेव अभी सिर्फ 1 साल का है। भूदेव स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से पीड़ित है। SMA मोटर न्यूरॉन्स को प्रभावित करने वाली एक दुर्लभ बीमारी है।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार, अंकित के भाई और भूदेव के चाचा गौरव शर्मा ने बताया कि जब वो चार महीने का था, उसकी मांसपेशियां कमजोर होने लगीं, इसके बाद उसके पिता ने उसे सहारनपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में दिखाया। इस अस्पताल ने भूदेव को AIIMS ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया। AIIMS ऋषिकेश में भूदेव की बीमारी पता चल सकी।

गौरव शर्मा ने यह भी बताया कि AIIMS ऋषिकेश ने बाद में भूदेव को बेहतर इलाज के लिए AIIMS दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया। हमें बताया गया कि Zolgensma इंजेक्शन उसका जीवन बचा सकता है लेकिन उसकी कीमत करीब 17 करोड़ रुपये है और उसे अमेरिका से इंपोर्ट करना पड़ेगा।

भूदेव के पिता ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि वो एक छोटे किसान हैं और दिन में मुश्किल से 500 रुपये कमा पाते हैं। उनके लिए इतनी बड़ी धनराशि जमा करना आसान नहीं है। भूदेव की मां मिनाक्षी शर्मा कहती है कि अगर हम अपनी सारी संपत्ति बेच भी देंगे तो हम इतना धन नहीं जुटा पाएंगे। हम अपने बेटे के बिना नहीं रह सकते।

अब तक जमा हुए सिर्फ 7 लाख

भूदेव के चाचा गौरव शर्मा ने बताया कि अभी तक वो लोग सिर्फ 7 लाख रुपये जमा कर पाए हैं। उनके लिए इनती बड़ी धनराशि जमा करना असंभव सा मालूम पड़ता है। भूदेव SMA टाइप 1 से पीड़ित है, जो बीमारी का सबसे खतरनाक रूप है। इसमें अगर मरीज को इलाज नहीं मिलता है तो उसकी दो साल की उम्र तक मौत हो जाती है।

अंकित शर्मा ने बताया कि अभी तक वो अपनी सेविंग्स का एक बड़ा हिस्सा 4 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चे को सिर्फ स्वस्थ देखना चाहते हैं। अगर कोई हमें इंजेक्शन खरीदने में मदद करेगा तो हम निश्चित ही उसके आभारी होंगे। अगर आप भूदेव के इलाज में मदद करना चाहते हैं तो आप गूगल पे पर ‘Bhudev SMA’ सर्च करके डोनेट कर सकते हैं।