यूपी की योगी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मंत्री दिनेश खटीक के पद छोड़ने की पेशकश के बाद योगी सरकार के एक और मंत्री संजय निषाद ने अधिकारियों पर निशाना साधा है। संजय निषाद ने कहा कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो अंदर से साइकिल और ऊपर से कमल के होते हैं। राजनीतिक रूप से विपक्षी दलों से जुड़े हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभावशाली दलित मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की पेशकश के बाद मंत्री संजय निषाद ने गुरुवार को राज्य सरकार के अधिकारियों पर निशाना साधा। यूपी के मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने अधिकारियों पर तंज कसा और कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जो राजनीतिक रूप से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी की ओर झुके हुए हैं, लेकिन दिखाते हैं कि वे भाजपा का समर्थन करते हैं। दिनेश खटीक कथित तौर पर यूपी सरकार के कामकाज से नाराज हैं।

संजय निषाद ने कहा, ‘अधिकारियों के कारण आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और उनके लिए एक जांच चल रही है।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपनी सरकार के सामने कभी कोई सवाल नहीं करते हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा अपने मंत्रियों की सुनते हैं।’

दिनेश खटीक के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, ‘यह उनका निजी मामला है। हम हमेशा बैठकों में भाग लेते हैं। अब तक हमारे समुदाय को ऐसी कोई उम्मीद नहीं है और अगर ऐसा होता है तो मैं देखूंगा कि क्या करने की आवश्यकता है।’

उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश खटीक ने अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है। दिनेश कथित तौर पर अपने विभाग में तबादलों और हस्तिनापुर में अपने समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने से नाराज हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार में जलशक्ति राज्य मंत्री खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक पत्र के माध्यम से इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त की।

इस बीच लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद भी अपने ओएसडी अनिल कुमार पांडे के स्थानांतरण के मुद्दे पर राज्य सरकार से नाराज हैं, जिन्हें राज्य ने केंद्र को वापस भेज दिया है।

बता दें, इस महीने की शुरुआत में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अतिरिक्त मुख्य सचिव चीनी उद्योग और आबकारी संजय आर भूसरेड्डी सहित तीन सदस्यीय जांच समिति के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने लोक निर्माण विभाग पर नकेल कसी है। आरोप है कि पैसे के बदले इंजीनियरों और अधिकारियों के तबादले किए गए।