आगामी लोकसभा चुनावों में गठबंधन के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गुरुवार को लोकसभा सीटों की लिस्ट जारी कर दी। दोनों पार्टियों के गठबंधन की घोषणा करते हुए बताया गया था कि सपा और बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी और बाकी सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी गई हैं। लेकिन गुरुवार को जारी की गई लिस्ट के अनुसार, यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 सीटों पर और सपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राष्ट्रीय लोकदल के लिए 3 और कांग्रेस के लिए 2 सीटें छोड़ी गई हैं। हालांकि सीटों का गुणा-भाग करने पर पता चला है कि सपा और बसपा के बीच 26 सीटों का बंटवारा पिछले लोकसभा चुनावों की जमीनी हकीकत के बिल्कुल उलट हुआ है।

दरअसल इन 26 सीटों पर सपा-बसपा में से जो पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है, उन पर 2014 के आम चुनावों में दूसरी पार्टी को ज्यादा वोट मिले थे। जैसे हरदोई लोकसभा सीट बंटवारे के बाद सपा के खाते में गई है, लेकिन पिछले लोकसभा चुनावों में हरदोई लोकसभा सीट पर बसपा उम्मीदवार को 2.79 लाख वोट मिले थे, वहीं सपा उम्मीदवार को 2.76 लाख वोट से संतोष करना पड़ा था। इसी तरह अमरोहा लोकसभा सीट पर 2014 के आम चुनावों में सपा उम्मीदवार को 3.70 लाख वोट मिले थे, वहीं बसपा उम्मीदवार को सिर्फ 1.62 लाख वोट मिले थे। लेकिन बंटवारे में अमरोहा सीट बसपा के खाते में गई है!

उल्लेखनीय है कि जिस वक्त सपा-बसपा के गठबंधन की चर्चा चल रही थी, उस वक्त ऐसी खबरें आयीं थी कि पिछले लोकसभा चुनाव में रनर-अप रहने वाली पार्टी उस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगी। हालांकि अब जो लिस्ट जारी की गई है, उसमें लगता है कि उपरोक्त बात को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, सूत्रों का मानना है कि सीटों का यह बंटवारा सपा-बसपा गठबंधन के लिए घातक भी सिद्ध हो सकता है और विपक्षी राजनैतिक पार्टियां इसका फायदा उठा सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, सीटों के इस बंटवारे से दोनों पार्टियों के कुछ नेता बागी हो सकते हैं और चूंकि शिवपाल यादव अपनी पार्टी बनाकर पहले ही पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में सपा-बसपा के बागी शिवपाल यादव के साथ भी जा सकते हैं। हालांकि सपा नेता उदयवीर सिंह ऐसी किसी भी आशंका को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि पार्टी कैडर पार्टी आलाकमान के फैसले को पूरा समर्थन देगा।

सपा की पारंपरिक सीटें फिरोजाबाद, मैनपुरी, बदायूं, कन्नौज और आजमगढ़ से सपा ही चुनाव लड़ेगी। माना जा रहा है कि कन्नौज से अखिलेश यादव और मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ सकते हैं। इसके साथ ही कैराना और गोरखपुर उप-चुनावों में जीत हासिल करने वाली सपा आम चुनावों में भी इन सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी। वहीं गौतमबुद्ध नगर, फर्रुखाबाद, गाजीपुर और लालगंज सीटों पर पिछले चुनावों में सपा उम्मीदवार रनर-अप रहे थे, लेकिन बंटवारे के बाद ये सीटें बसपा के खाते में चली गई हैं। इसी तरह गाजियाबाद, खीरी, हरदोई, मिर्जापुर, चन्दौली और बांदा में बसपा दूसरे नंबर पर रही थी, लेकिन अब इन सीटों पर सपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। आरक्षित सीटों में से 10 पर बसपा और 7 पर सपा चुनाव लड़ेगी। प्रदेश की 6 सीटों पर पिछले आम चुनावों में कांग्रेस को अच्छे-खासे वोट मिले थे, उन में से सहारनपुर पर बसपा और बाकी 5 सीटों गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी और कुशीनगर पर सपा अपने उम्मीदवार उतारेगी।