उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में माता-पिता ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया है। प्रशासन से दुखी होकर बिलखोरा गांव में बच्चों के माता-पिता ने ऐसा कदम उठाया है। अपने क्षेत्र की एक सड़क की लगभग 15 वर्षों से मरम्मत नहीं होने से परेशान होकर पेरेंट्स ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है और स्कूल भवन के सामने धरना देना शुरू कर दिया है।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एक ग्रामीण पुनित चौधरी ने कहा, “यह एकमात्र रास्ता है जो शहर जाने वाली मुख्य सड़क से जुड़ता है। 2.5 किमी लंबी इस सड़क को तत्काल मरम्मत की जरूरत है। हम सड़क की मरम्मत के लिए अधिकारियों से जगह-जगह गुहार लगा रहे हैं लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। इसीलिए हमें ऐसा कदम उठाना पड़ा।” उन्होंने कहा, “गांव के सभी तीन स्कूल पिछले सप्ताह से बंद हैं। जब तक सड़क की मरम्मत नहीं हो जाती हम विरोध से पीछे नहीं हटेंगे, भले ही हमारे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही हो।”

सड़क खराब होने के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे

धरने में बड़ों के साथ बच्चे भी बैठे हैं। आठवीं कक्षा के छात्र सागर चौधरी ने कहा, “सड़क बहुत खराब होने के कारण हम शहर नहीं जा पा रहे हैं। हम सभी इस विरोध का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि यह हमारे भविष्य के बारे में है।”

8 फरवरी को ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय बिलखौरा खुर्द, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिलखौरा कलां और प्राथमिक विद्यालय बिलखौरा कलां के स्कूलों पर ताला जड़ दिया और अपने बच्चों को पढ़ने नहीं भेजा। ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर रोड नहीं तो वोट नहीं, शिक्षा भी नहीं के बैनर लटकाकर प्रदर्शन किया।

एसडीएम बोले- PWD के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती यह सड़क

रविवार को इस मुद्दे पर गांव में स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और प्रदर्शनकारी निवासियों के बीच तीखी बहस हुई। बाद में ग्रामीणों द्वारा जन प्रतिनिधियों का पुतला फूंका गया। मामले के बारे में बात करते हुए सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) रवींद्र कुमार ने कहा, “स्थानीय लोग जिस सड़क का निर्माण कराना चाहते हैं, वह PWD के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजा है। हम ग्रामीणों के संपर्क में हैं और जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।”