उत्तर प्रदेश सरकार के दो कर्मचारियों सहित पांच लोगों को एक सहकारी बैंक से 146 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि इन सभी ने उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लखनऊ के प्रबंधक और कैशियर का सर्वर हैक करने के बाद उपयोगकर्ता की पहचान और पासवर्ड प्राप्त करके धोखाधड़ी की थी।
उत्तर प्रदेश गृह विभाग में अनुभाग अधिकारी फतेहपुर निवासी राम राज, एटा के करमवीर सिंह, जो सहकारी बैंक सीतापुर में सहायक प्रबंधक के पद पर तैनात थे, शाहजहांपुर के ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, कानपुर के आकाश कुमार और बिहार के औरंगाबाद के भूपेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सोमवार रात यहां पॉलीटेक्निक क्रॉसिंग के पास बांस मंडी से इन्हें गिरफ्तार किया।
एसटीएफ ने उनके कब्जे से एक बैंक आईडी कार्ड, आधार कार्ड के 25 सेट और हस्ताक्षरित खाली चेक और सात एटीएम कार्ड सहित अन्य चीजें जब्त की हैं। पुलिस ने बयान में कहा, “जांच के दौरान यह पाया गया कि हजरतगंज में सहकारी बैंक का सर्वर हैक किया गया था और पैसा आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंकों में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया गया था।”
उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक मुख्यालय में सहायक महाप्रबंधक अजय कुमार त्रिपाठी ने 16 अक्टूबर को साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अनधिकृत तरीके से खोले गए जिला सहकारी बैंकों के सात खातों से आरटीजीएस के माध्यम से 146 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे।
पूछताछ के दौरान ध्रुव श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि वह आकाश कुमार के माध्यम से एक हैकर से मिले थे। पुलिस से पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि आकाश ने उनसे कहा कि वह बैंकों के सर्वर को हैक कर सकते हैं और दूर से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। भूपेंद्र सिंह के जरिए उनकी तब कर्मवीर सिंह से मुलाकात हुई थी। इसके बाद रामराज की मदद से वे राशि ट्रांसफर करने में सफल रहे थे। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है।