उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा को लेकर कई पूर्व नौकरशाहों ने एक खुला पत्र लिखा था। जिसके बाद अनूपशहर से बीजेपी विधायक संजय शर्मा ने भी 83 पूर्व नौकरशाहों के नाम खुला पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि आपको सिर्फ दो मौतें दिखाई दे रही हैं। एक सुमित और दूसरी कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी की। लेकिन 21 गायों की मौत दिखाई नहीं दे रही है। यदि गौकशी नहीं हुई होती तो यह घटना भी नहीं हुई होती।

दरअसल, हाल ही में बुलंदशहर में हिंसा भड़कने के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और सुमित नामक युवक की जान चली गयी थी। जिसके बाद इस घटना से नाराज पूर्व नौकशाहों ने खुला पत्र लिखकर अपनी चिंता व्यक्त की और सीएम योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा था। जिस पर बुलंदशहर के अनूपशहर से बीजेपी विधायक संजय शर्मा ने पूर्व नौकरशाहों के नाम खुला पत्र लिखते हुए जवाब दिया है। पत्र में बीजेपी विधायक ने लिखा है कि आप (पूर्व नौकरशाह) सभी को इस देश की जनता की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ और आपने सेवा की भी। लेकिन आपके पत्र को देखकर ऐसा लगा कि आपका ये कृत्य राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने लिखा कि आप केवल हिंसा में मारे गए युवक सुमित और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर की मौत देख रहे हैं। लेकिन 21 गायों की मौत नहीं।

बीजेपी विधायक ने पत्र लिखने वाले पूर्व नौकरशाहों पर तंज कसते हुए कहा कि अगर राजनीति करनी है तो चुनाव लड़िए। उन्होंने कहा कि जो पार्टियां 11 दिसंबर के बाद से आपसे पत्र लिखवा रही हैं, वो आपको टिकट जरूर देंगीं। उन्होंने बताया की वह खुद सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में सेवा करने आए हैं, आपको भी सादर आमंत्रित करता हूं। विधायक ने पत्र में लिखा है कि आप लोग एक ऐसे मुख्यमंत्री पर एक समुदाय के प्रति दुर्भाव रखने का आरोप लगा रहे हैं, जिसने 3 दिन का इतना बड़ा कार्यक्रम कराने की अनुमति दी थी। वह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न भी हुआ, जैसा इस देश में आज तक कहीं नहीं हुआ। अगर सरकार कोई दुर्भाव रखती तो इस आयोजन की अनुमति ही नहीं देती।

खुला पत्र जारी करने वालों में पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता, योजना आयोग के पूर्व सचिव एनसी सक्सेना, अरुणा रॉय, पूर्व राजदूत जूलियो रिबेरो समेत 83 पूर्व नौरशाह शामिल थे।