उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मदनी मस्जिद को आज ध्वस्त कर दिया गया। यह मस्जिद 25 साल पुरानी है। इसे गिराने के लिए बुलडोजर दोपहर 12 बजे ही पहुंच गया। दरअसल यह मस्जिद नगर पालिका क्षेत्र बनी हुई है। यह क्षेत्र हाटा नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आता है। मामला सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का है और स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई।

तीन बार मस्जिद प्रशासन को दिया गया नोटिस

इस मस्जिद की जांच 18 दिसंबर 2024 को शुरू हुई थी। तीन बार मस्जिद प्रशासन को नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन मुस्लिम पक्षकारों ने कोई संतुष्ट जवाब नहीं दिया। 8 फरवरी तक के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद पर कार्रवाई को लेकर स्टे आर्डर दिया था। हालांकि अब आज 9 फरवरी है। ऐसे में जिला प्रशासन इस मस्जिद को ध्वस्त करने पहुंचा।

मस्जिद को लेकर हिंदूवादी नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर शिकायत की थी। क्षेत्र के हिंदू नेता और शिकायतकर्ता रामबचन सिंह ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की थी और मस्जिद के सरकारी जमीन पर होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि मस्जिद पुलिस चौकी की जमीन, नगर पालिका की जमीन और नजूल की जमीन पर अवैध तरीके से बनाई गई है। इसके बाद इसके जांच का आदेश दिया गया।

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जानें क्या है विवाद

रिपोर्ट्स के अनुसार मदनी मस्जिद का निर्माण 1999 में शुरू हुआ था। उस समय सिर्फ दो मंजिल का नक्शा पास था। इसके बाद चार मंजिल का निर्माण किया गया और बेसमेंट का भी निर्माण किया गया। यहीं से विवाद शुरू हुआ है। हिंदू नेता राम बचन सिंह कई बार संबंधित विभागों से इसको लेकर शिकायत करते रहे लेकिन कोई असर नहीं हुआ। 2017 में बीजेपी की सरकार बनी और फिर उन्होंने शिकायत की। तब प्रशासन हरकत में आया।

संभल में हुआ था विवाद

कुछ हफ्ते पहले संभल की जामा मस्जिद में सर्वे करने एक टीम गई थी और काफी हिंसा हुई थी। इस दौरान पत्थरबाजी की भी घटना सामने आई थी। वहीं फायरिंग में पांच लोगों की जान गई थी। पीड़ित आरोप लगा रहे थे की फायरिंग पुलिस की ओर से की गई है जबकि पुलिस ने इससे इनकार किया था। यह मामला सुर्खियों में छाया था।