उत्तर प्रदेश के झांसी में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भीषण आग लग गई। इसमें 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। आग अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में लगी थी। हालांकि अच्छी बात यह रही कि 45 नवजातों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। इस बीच घटना को लेकर एक चश्मदीद का बयान आया है, जिसने 20 बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
चश्मदीद ने बचाई 20 की जान
एक चश्मदीद कृपाल सिंह राजपूत ने कहा, “वो बच्चे को दूध पिलाने अंदर गए थे। उसी दौरान एक मैडम भागते हुए आईं और उनके पैर में आग लगी हुई थी। वो चिल्ला रही थीं। हमने करीब 20 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला और बच्चों को पकड़ाया। किसी बच्चे को ऑक्सीजन लगी थी और कोई गंभीर हालत में था। हमने उठाकर बच्चों को अस्पताल प्रशासन को सुरक्षित पकड़ाया ताकि जिसका भी बच्चा हो वो सुरक्षित बच जाए।” आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है लेकिन मशीनें ज़्यादा हीट हो गई थीं, जिससे बच्चों की मौत हो गई।
वहीं ऋषभ यादव नाम के एक चश्मदीद ने बताया कि यहां काफी अफरा-तफरी मची हुई थी। उन्होंने कहा कि आग जब लगी तो लगभग 50 बच्चे होंगे और लोग अपने बच्चों को इमरजेंसी वार्ड की ओर लेकर भागे। उन्होंने बताया कि कुछ परिवारों को तो ये भी पता नहीं है कि उनके बच्चे कहां हैं। प्रशासन को इसकी जानकारी देनी चाहिए।
योगी ने की मुआवजे की घोषणा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत नवजात बच्चों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। वहीं गंभीर रूप से घायल बच्चों के परिवार को 50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। घटना के तुरंत बाद उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे और जायजा लिया।
वहीं विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार छोड़कर चिकित्सा के हालात पर ध्यान देना चाहिए। अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट लिखकर राज्य सरकार को मृत नवजातों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की मांग की है।