पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले ममता बनर्जी को सहारा मिला है समाजवादी पार्टी का। समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए उनकी पार्टी ने ममता बनर्जी को सपोर्ट करने का फैसला किया है। बीजेपी नफरत फैला कर जीतना चाहती है। जैसे उन्होंने साल 2017 के यूपी चुनाव में नफरत फैला कर जीत हासिल की थी।

जाहिर है अखिलेश यादव के पत्ते खोलने के बाद अब बंगाल का चुनाव और भी दिलचस्प होता दिख रहा है। आपको याद दिला दें कि हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का दावा करते हुए कहा था कि किसान बीजेपी सरकार को सड़क पर ले आएंगे और ये सरकार जाएगी तभी लोकतंत्र बचेगा।

अगर बात पश्चिम बंगाल की करें तो राज्य में कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन है। हालांकि, टीएमसी ने वाम मोर्चा और कांग्रेस से बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में साथ देने की अपील की थी लेकिन दोनों दलों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था। एक खास बात यह भी है कि शिवसेना भी इस सियासी संग्राम में भाग लेने जा रही है। इन सभी के अलावा AIMIM ने भी इस चुनावी समर में उतरने का ऐलान किया है।

इधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अपने पूरे दमखम के साथ पश्चिम बंगाल के चुनावी दंगल में ताल ठोकने के लिए तैयार है। चुनाव की तैयारियों की समीक्षा और पार्टी की रैलियों को धार देने के लिए यहां अब तक कई बड़े नेताओं का आगमन हो चुका है। साल 2016 के विधानसभा चुनाव में जहां तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और बीजेपी को 10.16 फीसदी वोट के साथ सिर्फ 3 सीटें ही मिली थीं। वहीं, 2019 आते-आते परिस्थितियां बदल गईं और लोकसभा चुनाव में बीजेपी पश्चिम बंगाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।