उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में 15 साल की एक सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर एफ़आईआर न दर्ज़ करने का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि एफ़आईआर दर्ज़ नहीं की गई इसीलिए नाबालिग ने अत्महत्या कर ली। मामले की खबर लगते ही आइजी और कमिश्नर ने दौरा किया और तत्काल प्रभाव से कोतवाली प्रभारी और चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।
पीड़िता की मां के अनुसार 8 अक्टूबर दोपहर करीब डेढ़ बजे गांव के तीन युवक घर के बाहर से बेटी को बाइक से अगवा कर ले गए थे। जिसके बाद जंगल में लेजाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। खेत से लौटने पर बेटी घर पर नहीं मिली तो आसपास खोजा, वह एक नर्सरी में मिली जहां हाथ-पैर बंधे थे। आरोप है कि चौकी पुलिस को सूचना दी गई लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया, हालांकि पुलिस का कहना है कि तहरीर मांगे जाने पर भी परिवार ने कुछ लिखकर नहीं दिया और कहा उनको कुछ नहीं करना।
परिजनों का आरोप है कि तनाव के चलते लड़की ने आत्महत्या का कदम उठाया है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया है और पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया ये आत्महत्या का मामला है बाकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और तहकीकात के बाद मामले पर पूरी जानकारी मिल सकेगी।
किशोरी के आत्महत्या करने और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर गौरव दयाल और आईजी के सत्यनारायण ने प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी है। सीएम ने चित्रकूट की घटना का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सीएम ऑफिस ने ट्वीट कर लिखा “मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने आगरा, चित्रकूट एवं प्रतापगढ़ की घटनाओं का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में महिलाओं एवं नाबालिग बच्चों से सम्बन्धित अपराधों में तत्काल प्रभावी व कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।”
मामले में सीओ सिटी रजनीश यादव ने बताया कि एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। लड़की की मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है, जांच जारी है।

