उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता का चौंकाने वाले मामला सामने आया है। एक पुलिसकर्मी ने रिश्वत देकर ऑफिस नहीं आने के बावजूद रजिस्टर में हाजिरी लगवा दी है। हालांकि मामले की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के निर्देश पर 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही जांच के निर्देश भी दिए गए हैं।

सिपाही ने दी 10 हजार रिश्वत

बरेली के इज्जतनगर पुलिस स्टेशन में रजत बालियान सिपाही के तौर पर तैनात थे। 2 अक्टूबर से लेकर 27 नवंबर तक छुट्टी पर रहने के बावजूद बालियान की हाजिरी लगती रही। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाजिरी लगाने के लिए बालियान ने अपने साथी सिपाहियों को 10 हजार रुपये की रिश्वत दी।

बालियान की लगवा दी फर्जी हाजिरी

एजेंसी के अनुसार इस मामले में एसएसपी ने बताया कि रजत बालियान 2 अक्टूबर से लेकर 27 नवंबर के बीच मेरठ और मुजफ्फरनगर में मौजूद थे। वहीं मतगणना ऑफिस में तैनात चार अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। सस्पेंड हुए सिपाही रचित कुमार, सतेंद्र सिंह, अर्पित पवार और पवन बंसल पर आरोप है कि इन सभी ने रजत बालियान की फर्जी हाजिरी लगाने में मदद की थी। इन पुलिसकर्मियों ने रिकॉर्ड में गलत जानकारी दर्ज की और बालियान की फर्जी हाजिरी लगवा दी।

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जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच रिपोर्ट एसपी ट्रैफिक अकमल खान को सौंप दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं का जाएगी। अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर इस मामले में ये पांच पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

यह घटना पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रही है। सबकी सेवा करने और हर मामले में जांच करने वाली पुलिस विभाग में इस तरह की घटना सोचनीय विषय बन जाती है।