Ayodhya Masjid: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। वहीं अयोध्या के ही सोहावल तहसील के धन्नीपुर में बन रही मस्जिद के निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका है। बता दें कि 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन को रामलला विराजमान को मंदिर निर्माण के लिए दिया था। इसी आदेश में अदालत ने आदेश दिए थे कि उत्तर प्रदेश सरकार मस्जिद के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन आवंटित करे।
जहां मंदिर का कार्य तो तेजी से चल रहा है वहीं मस्जिद को अभी किसी भी विभाग से एनओसी नहीं मिल पाई है। दरअसल डेढ़ साल पहले अयोध्या विकास प्राधिकरण में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की तरफ से मस्जिद निर्माण के नक्शे के लिए आवेदन किया था। लेकिन संबंधित विभाग से एनओसी नहीं मिल सकी है। ऐसे में निर्माण कार्य नहीं शुरू हो पा रहा है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन दी गई है। लेकिन मस्जिद निर्माण की प्रक्रिया बहुत धीमी बताई जा रही है। दरअसल अभी तक इसके लिए नक्शा पास करने की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है। मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने नक्शा पारित होने के लिए 8 विभागों से एनओसी मांगा है।
जिसमें किसी भी विभाग ने अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया है। मस्जिद नक्शे को जांचने फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचा था। उसने पाया कि मस्जिद निर्माण में एप्रोच रोड की चौड़ाई बहुत कम है। इसकी चौड़ाई 12 मीटर होनी चाहिए, जोकि अभी 6 मीटर ही है। इस तरह से फायर ब्रिगेड ने एनओसी देने से मना कर दिया है।
वहीं शासन व प्रशासन से मस्जिद ट्रस्ट ने मांग की है कि रोड को मानक के अनुसार बनाया जाए जिससे जल्द से जल्द मस्जिद निर्माण का कार्य प्रारंभ हो सके। गौरतलब है कि श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के तर्ज पर मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन बनाया गया है।