आतंकियों को हथियार उपलब्ध कराना, स्थानीय स्तर पर मदद मुहैया कराना, वारदातों की साजिश रचना और आतंकियों को पनाह देना। इन्हीं के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश का हापुड़ शहर अब संदिग्ध आतंकियों की पनाहगाह बनता दिख रहा है। शहर में कुछ ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो इन देशविरोधी ताकतों को पनपने में मदद कर रहे हैं। हापुड़ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की सक्रियता को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हाल ही में तीसरी बार जांच एजेंसी शहर में छापेमारी कर चुकी है।
ताबड़तोड़ छापेमारी, अलसुबह 3 गिरफ्तारः रिपोर्ट्स के मुताबिक NIA की टीम ने गुरुवार तड़के हापुड़ से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली के गांव अठसैनी में छापेमारी कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इससे पहले भी जनपद में तीन बार छापेमारी कर चुकी है। इसे बड़ा संकेत माना जा रहा है। एनआईए को इलाके में इस्लामिक स्टेट्स (आईएसआईएस) आतंकियों का नेटवर्क होने के इनपुट मिले हैं।
जांच एजेंसियों के रडार पर हापुड़ः हापुड़ में एक अरसे से लगातार एनआईए की छापेमारी जारी है। खुफिया इनपुट्स और संदिग्ध आतंकियों की निशानदेही पर यहां छापेमारी और गिरफ्तारी का दौर जारी है।
– 26 दिसंबर 2018 को भी 10 लोग गिरफ्तार हुए थे। इनमें भी कुछ का संबंध हापुड़ से था। रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 17 जगहों पर छापेमारी के बाद धरे गए ये संदिग्ध आतंकी हरकत उल हर्ब-ए-इस्लाम से जुड़े हुए हैं।
– 7 जनवरी को सुहैल और साकिब नाम के संदिग्ध को हिरासत में लिया गया था। इन्हें पटियाला हाउस कोर्ट ने 6 फरवरी तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इन दोनों पर भी आईएस से जुड़े होने का शक है।
– 11 जनवरी को हापुड़ से पिप्लेरा गांव के जामिया हुसैनिया अबुल हसन कॉलेज में पढ़ाने वाले मोहम्मद अबसर नाम के संदिग्ध को गिफ्तार किया गया था। उसे संदिग्ध आईएस आतंकी की निशानदेही पर पकड़ा गया था।
– 12 जनवरी को हापुड़ के पिपलैंडा गांव से 18 साल के मदरसा छात्र शहजाद को हिरासत में लिया। उसके यहां तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक चिप भी बरामद हुई। शहजाद का आतंकी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार मौलवी साकिब से कनेक्शन पाया गया। उसके घर से बरामद सामग्री उसे साकिब से ही मिली थी।