यूपी सरकार ने उन सभी लोगों पर से मुकदमे वापस लेने के आदेश जारी किए हैं, जिन पर कोविड गाइडलाइन तोड़ने के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे। ऐसे करीब तीन लाख से ज्यादा मुकदमे हैं। ये मुकदमे आपदा प्रबंधन अधिनियम महामारी रोग अधिनियम, आईपीसी धारा 188 और अन्य कम गंभीर धाराओं के तहत दर्ज किए गए थे। इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी।
प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश प्रमोद कुमार श्रीवास्तव द्वितीय की ओर से जारी पत्र में सभी जिलाधिकारियों से इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया है। देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी कोरोना महामारी के दौरान दो बार लॉकडाउन लगाया गया था। सरकार का मानना है कि इस फैसले से अदालतों में मुकदमों का बोझ कम होगा और आम लोगों को राहत मिलेगी।
दरअसल कोरोना महामारी के दौरान बीमारी को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया था। लोगों से कहा गया था कि वे कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें। बीमारी से बचाव का उस वक्त यही एक मात्र उपाय था। लोगों से मास्क लगाए रखने, लगातार हाथ साफ करने और एक-दूसरे से सुरक्षित दूरी का पालन करने की लगातार अपील की जा रही थी।
इसके बावजूद बहुत से लोगों ने इसका उल्लंघन किया और सरकारी निर्देशों को नहीं माना। इसकी वजह से उन पर महामारी एक्ट में मुकदमे दर्ज किए गए थे। ऐसे करीब तीन लाख से ज्यादा केस थे।
अब जबकि महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है और 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीके लग गए हैं, तब सरकार ने उन पर से मुकदमे वापस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं।