उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत कुल 4 प्रतिमाएं अलग-अलग जगहों पर लगवाने जा रही है। योगी सरकार में विशेष सचिव शिशिर सिंह के अनुसार, अन्य तीन प्रतिमाएं स्वामी विवेकानंद और गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारियों महंत अवैद्यनाथ और महंत दिग्विजयनाथ की होंगी। उत्तर प्रदेश सरकार का ये योजना ऐसे वक्त सामने आयी है, जब सरकार अयोध्या में भी भगवान राम की 221 मीटर ऊंची कांसे की प्रतिमा लगवाने का ऐलान कर चुकी है। इसी बीच कांग्रेस नेता करण सिंह ने मांग की है कि भगवान राम की प्रतिमा की ऊंचाई घटाकर देवी सीता की प्रतिमा भी स्थापित की जाए।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के अनुसार, अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा 25 फीट ऊंची होगी और लखनऊ स्थित लोक भवन में स्थापित की जाएगी। वहीं स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा 12.5 फीट ऊंची होगी, जो कि उत्तर प्रदेश के राजभवन में स्थापित की जाएगी। वहीं महंत अवैद्यनाथ और महंत दिग्विजयनाथ की प्रतिमाएं गोरखपुर में लगायी जाएंगी। बता दें कि महंत अवैद्यनाथ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के गुरु और गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख थे और गोरखपुर से सांसद भी रहे थे। फिलहाल योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख का पद भी संभाल रहे हैं।
योगी सरकार ने अयोध्या के अलावा भगवान राम की एक प्रतिमा प्रयागराज के नजदीक श्रींगवेरपुर में भी लगवाने का ऐलान किया है। साथ ही सरकार निषादराज की भी एक प्रतिमा लगवाएगी। ऐसा विश्वास है कि निषादराज ने ही भगवान राम, सीता और लक्ष्मण को गंगा नदी पार करने में मदद की थी। प्रतिमाएं लगवाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 34 करोड़ रुपए की राशि आवंटित भी कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा सरकार आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए राम मंदिर के मुद्दे को गरमाना चाहती है। चूंकि फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए भाजपा राम मंदिर के मुद्दे पर सीधी बयानबाजी से बच रही है। ऐसे में योगी सरकार द्वारा अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा लगवाने के फैसले को अपने समर्थकों को खुश करने की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है।