उत्तर प्रदेश में बाराबंकी जिला प्रशासन द्वारा एक मस्जिद को “अवैध” करार देकर ढहाए जाने के एक दिन बाद, राज्य के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कार्रवाई को अवैध और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी एक निर्देश का उल्लंघन बताया है। बोर्ड ने कहा कि वह “मस्जिद की बहाली, उच्च स्तरीय न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई” की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख करेगा।

हालांकि, जिला प्रशासन ने कहा कि कार्रवाई कानूनी कार्यवाही के अनुसार थी। विचाराधीन मस्जिद रामसनेही घाट की तहसील के भीतर बानी कड़ा गाँव में स्थित थी और इसे स्थानीय रूप से गरीब नवाज़ मस्जिद के रूप में भी जाना जाता था। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़ुफ़र फ़ारूकी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ। प्रशासन की ये कार्रवाई अवैध है। प्रशासन ने तहसील परिसर के पास स्थित 100 वर्ष पुरानी मस्जिद को… अतिक्रमण हटाने के नाम पर ढहा दिया। यह शक्ति का दुरुपयोग है और हाईकोर्ट के 24 अप्रैल, 2021 के आदेशों का घोर उल्लंघन है। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मस्जिद की बहाली, उच्च स्तरीय न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर तुरंत हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।’

24 अप्रैल को सुनाए गए आदेश में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था, “बेदखली या विध्वंस का कोई भी आदेश जो पहले से ही हाईकोर्ट, जिला अदालत या सिविल अदालत द्वारा पारित किया गया है, अगर इस आदेश के पारित होने की तारीख तक अमल में नहीं लाया गया है तो उस पर 31 मई तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।” अदालत ने एक जनहित याचिका के जवाब में यह आदेश दिया था।

एक बयान में, जिला प्रशासन ने विध्वंस का बचाव करते हुए कहा, “एसडीएम के आवास के सामने रामसनेही घाट के तहसील आवासीय परिसर में, एक आवासीय अवैध संरचना के संबंध में विरोधी पक्ष को पक्ष रखने का मौका दिया गया था। नोटिस भेजे जाने के बाद अवैध ढांचे में रह रहे लोग भाग गए थे… 18 मार्च को तहसील प्रशासन की टीम ने सुरक्षा की दृष्टि से इमारत को अपने कब्जे में ले लिया था।”

प्रशासन ने आगे कहा, “इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने रिट याचिका (मस्जिद द्वारा दायर) की सुनवाई के दौरान कहा था कि आवासीय निर्माण अवैध है। इसके आधार पर एसडीएम रामसनेही घाट कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया… कानूनी कार्यवाही के बाद 17 मई 2021 को आदेश का पालन किया गया।”