उमेश पाल हत्याकांड मामले में यूपी एसटीएफ को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एसटीएफ ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। उसके साथ हत्याकांड में शामिल शूटर गुलाम भी शामिल था। उसे भी एसटीएफ ने ढेर कर दिया है। झांसी के नजदीक पारीक्षा डैम के इलाके में दोनों शूटरों को एनकाउंटर किया गया है। उमेश पाल हत्याकांड में दोनों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित था। यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने कहा कि कहा कि असद और गुलाम को जिंदा पकड़ने की कोशिश की गई थी लेकिन इन्होंने एसटीएफ पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों ढेर हो गए।

इस टीम ने किया असद का एनकाउंटर

यूपी एसटीएफ के डिप्टी नवेन्दु नवीन और विमल सिंह की टीम ने इस एनकाउंटर को अंजाम दिया है। इस टीम में 12 पुलिसकर्मी शामिल थे। इनमें डिप्टी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह, निरीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार राय, उप निरीक्षक विनय तिवारी, मुख्य आरक्षक पंकज तिवारी, सोनू यादव, सुशील कुमार, भूपेंद्र सिंह, कमांडो अरविंद कुमार, कमांडो दिलीप कुमार यादव शामिल थे। एसटीएफ को असद और गुलाम के पास से विदेशी हथियार भी बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों ओर से करीब 40 राउंड फायर किए गए। असद और मोहम्मद गुलाम एक मोटरसाइकिल से जा रहे थे। एसटीएफ ने इन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन इन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने इनके पास से ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर और वॉल्थर पिस्टल बरामद किए हैं।

45 दिन से दे रहे थे चकमा

प्रयागराज में 24 फरवरी को दिनदहाड़े राजूपाल हत्याकांड में गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की हत्या के बाद से भी असद और शूटर गुलाम फरार चल रहे थे। जानकारी के मुताबिक उमेश पाल की हत्या के बाद दोनों बाइक से कानपुर पहुंचे। यहां से यह बस से नोएडा के डीएनडी पहुंचे। यहां पहले से ही इनका एक साथी इंतजार कर रहा था। यहां से सभी एक ऑटो से दिल्ली के संगम विहार में पहुंचे। यहां दोनों करीब 15 दिन तक रहे। इस दौरान एसटीएफ को इनकी भनक लग गई। हालांकि पुलिस के पहुंचने से ठीक पहले ही यह फरार हो गए। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली से जावेद, खालिद और जीशान को गिरफ्तार किया। यूपी एसटीएफ ने भी इनसे पूछताछ की थी। एसटीएफ को जानकारी मिली कि दोनों अजमेर गए हैं। अजमेर के बाद दोनों झांसी पहुंचे। इसी दौरान एसटीएफ को इसकी जानकारी मिल गई। एसटीएफ की टीम दोनों का पीछा कर रही थी।