समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान उर्फ शानू ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसा है। कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को उन लोगों के कपड़ों से बदबू आती है।
यही नहीं, मोर्चा खोलते हुए मीडिया प्रभारी ने यह भी कहा कि उन लोगों ने अखिलेश और उनके पिता मुलायम सिंह यादव को मुख्यमंत्री बनाया। पर वे लोग आजम खान को नेता प्रतिपक्ष बना कर बड़प्पन नहीं दिखा पाए।
शानू ने आगे दावा किया- हमारी शिकायत सपा से है। हमारे (मुस्लिम वोट) ही वोट से सपा को 111 सीटें (यूपी चुनाव में) मिलीं। पर हमारे कपड़ों से राष्ट्रीय अध्यक्ष को दुर्गंध आती है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा, “दरी भी अब्दुल बिछाएगा, वोट भी अब्दुल देगा, जेल भी अब्दुल जाएगा।”
दरअसल, मौजूदा समय में आजम जेल में बंद हैं। इस बीच, फसाहत ने पार्टी प्रमुख पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अखिलेश ने आजम के लिए आवाज न उठाई। जेल से उन्हें बाहर लाने के लिए वह मदद नहीं कर रहे। वे चुप हैं। सदन में भाषण दिया, पर आजम खान का नाम तक नहीं लिया।
आजम के मीडिया प्रभारी ने हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज-18’ से बातचीत के दौरान बताया- यह दर्द और यह जख्म हैं…आप समझ रहे हैं कि हम किस कदर जी रहे हैं। ढाई साल से अब्दुल आजम साहब जेल में हैं, पर सपा ने कुछ नहीं किया। अखिलेश सिर्फ एक बार उनसे जेल में मिलने गए।
बकौल फसाहत, “हम किससे कहें? अखिलेश हमारे जख्मों पर मरहम तो लगा नहीं सकते, कम से कम हमारे आंसू ही पोंछ दें। वह वो भी नहीं कर रहे।” क्या आजम के परिवार के लोग भी यही कह रहे हैं? इस सवाल के जवाब में वह बोले- यह मेरा निजी दर्द है। मैंने बार-बार बयां किया है। उनकी पत्नी और बेटे से भी यह कहा है। वह जेल से आएंगे तो मैं पहला शख्स रहूंगा जो उनसे कहूंगा कि अब फैसला लेने का वक्त है।
शानू ने दावा किया- 111 सीटें सिर्फ मुस्लिम समाज की वजह से आई हैं। यह सच्चाई है, इसे दिखाना चाहिए। कई जगह उन्हें अपनी जाति तक का वोट न मिला। मैं तो सच बोलूंगा। मेरी उनसे जेल में मुलाकात नहीं हुई है।
रोचक बात है कि आजम खान के मीडिया प्रभारी की ओर से यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है, जब अखिलेश अपने परिवार के सियासी पचड़े में उलझे हैं। चाचा शिवपाल यादव के साथ यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद भी दोनों की पटरी नहीं खाते दिख रही। अटकल है कि अखिलेश के चाचा बीजेपी में जा सकते हैं, मगर फिलहाल इस बाबत कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।