उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में एक मंदिर गिराए जाने के बाद इलाके में गुस्सा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन द्वारा मंदिर गिराए जाने की जानकारी कई हिंदू संगठनों को दी, जिसके बाद प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। इतना ही नहीं, बाद नाराज लोगों ने डुमरियागंज लोकसभा से सांसद जगदंबिका पाल को भी मौके पर बुलाया।
एबीपी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नवरात्रि में मंदिर पर प्रशासन की कार्रवाई से सांसद इतने क्रोधित हो गए कि उन्होंने तुरंत लोगों के सामने ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन लगा दिया। हालांकि मुख्यमंत्री से उनकी बात नहीं हो पाई।
सिद्धार्थनगर में किस जगह की है घटना?
सिद्धार्थनगर के विकास भवन कार्यालय से सटे मंदिर पर बीते सोमवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया गया। इस मंदिर में भगवान श्रीराम, मां दुर्गा और हनुमान जी की प्रतिमाएं विराजमान थीं। इसको लेकर स्थानीय लोगों को कहना है कि प्रशासन ने इस मामले को लेकर किसी को भी सूचना नहीं दी, जबकि यहां पर लोग पिछले 50 वर्षों से पूजा करने का दावा कर रहे हैं।
धरने पर बैठ गए सांसद और चेयरमैन
इस घटना का अंदाजा केवल इस बात से ही लगाया जा सकता है कि मंदिर पर बुलडोजर चलने के बाद सांसद जगदंबिका पाल और वहां के स्थानीय नगर पालिका अध्यक्ष गोविंद माधव प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए। सांसद ने कहा कि इस तरह देवी-देवताओं और महापुरुषों की मुर्ति को खंडित करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। हालांकि कुछ समय बाद मंडलायुक्त के आश्वासन देने के बाद धरना खत्म हुआ।
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वहीं सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर ने कहा कि सड़क किनारे स्थित विकास भवन और मंदिर की बाउंड्रीवॉल पर लोग पेशाब-शौच आदि कर दे रहे थे। जिसके वजह से प्रशासन ने इस जगह को व्यवस्थित करने के लिए मूर्तियों को वहां से हटाकर सम्मानजनक तरीके से दूसरे स्थान पर रख दिया गया। वहीं स्थानीय भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि विकास भवन बाउंड्रीवॉल का निर्माण कार्य आज से शुरू हो जाएगा।