जानकी शरण द्विवेदी
उत्तर प्रदेश में 35 साल की एक महिला ने जान दे दी है। वह गोण्डा जिले के कर्नलगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी थी। उसका पति रोजी-रोटी के सिलसिले में हरियाणा में रहता था। महिला का आरोप था कि उसके गांव के ही रहने वाले दो सगे भाइयों ने खुद को तांत्रिक विद्या का जानकार बताते हुए उसके पति का हरियाणा में ही एक अन्य महिला के साथ अवैध संबंध होने की जानकारी दी थी। साथ ही उसके मोहपाश से मुक्त कराने का उपाय भी बताया था। इसी का झांसा देकर दोनों ने उसके साथ 07 फरवरी 2018 को दुष्कर्म किया। इसका वीडियो बना कर वायरल करने की धमकी देते हुए कई महीने तक दुष्कर्म करते रहे।
महिला ने 07 अगस्त 2018 को स्थानीय थाने में श्याम कुमार उर्फ बुधई और शंकर दयाल उर्फ बल्लू के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी और सूचना तकनीक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कर्नलगंज थाने के निरीक्षक (अपराध) अजीत प्रताप सिंह ने मामले में अंतिम रिपोर्ट न्यायालय प्रेषित कर दी थी। महिला के अनुरोध पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह ने इसकी दुबारा विवेचना अपराध शाखा के निरीक्षक परमानंद तिवारी से कराई। उन्होंने भी साक्ष्यों का अभाव बताकर मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगा दी। इस बीच न्याय न मिलने से आहत पीड़िता ने 15 सितम्बर 2018 को लखनऊ में विधानसभा के सामने धरना दिया था। उसी दिन मुख्यमंत्री आवास के सामने पहुंचकर उसने आत्महत्या का प्रयास भी किया था। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और न्याय दिलाने का आश्वासन देकर गोण्डा भेज दिया था।
बताया जाता है कि वह न्याय पाने के लिए अधिकारियों के चौखट पर दस्तक देती रही किन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे क्षुब्ध होकर उसने सोमवार की देर शाम अपने घर की छत में लगे हुक के सहारे फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के कारण पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर महावीर सिंह, प्रभारी निरीक्षक कर्नलगंज वेद प्रकाश श्रीवास्तव, थानाध्यक्ष परसपुर बीएन सिंह, थानाध्यक्ष कटरा बाजार दद्दन सिंह समेत कई थानों की पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा।
पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि विवेचक अजीत प्रताप सिंह व परमानंद तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच में लापरवाही के आरोप में प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश श्रीवास्तव को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है।