Om Prakash Rajbhar: उत्तर प्रदेश में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने बड़ा सियासी दांव खेला है। इस दांव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को बड़ा झटका दिया है, क्योंकि सपा के कद्दावर नेता ने सुभासपा का दामन थाम लिया है, जो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लिए एक बड़े विकेट के गिरने के रूप में देखा जा रहा है।

राजभर ने तीन बार के विधायक और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता राम ललित चौधरी (Ram Lalit Chaudhary) को अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई। पूर्व विधायक राम ललित चौधरी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ सुभासपा का दामन थाम लिया। सुभासपा में शामिल होने के साथ ही ओपी राजभर ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी और चौधरी को पार्टी का उपाध्यक्ष घोषित कर दिया।

सपा से हमने गठबंधन किया, लेकिन धोखा मिला: ओपी राजभर

मीडिया से बात करते हुए राजभर ने एक बार फिर सपा प्रमुख पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मेरा यह कदम शायद उत्तर प्रदेश की राजनीति में पहला कदम था, हमने सपा से गठबंधन किया, लेकिन सपा ने हमारे साथ धोखा किया। चुनाव से पहले हमको बहकाते रहे, जब चरणबद्ध चुनाव आया तो हमको 12 रिजर्व सीट दे दीं और उस पर भी अपना उम्मीदवार दिया।

राजभर ने कहा कि उनकी मंशा थी कि सरकार तो हमारी बन रही है, लेकिन ओम प्रकाश राजभर को ऐसा कमजोर करें कि राजभर फ्री बिजली, फ्री शिक्षा, जातिगत जनगणना की बात पर लड़ रहा हो जब इसके पास विधायक नहीं रहेंगें तो लड़ ही नहीं पाएगा, लेकिन अखिलेश यादव को यह नहीं मालूम था कि पूरी रामायण में हनुमान जी अकेले ही थे।

मीडिया ने जब सुभासपा अध्यक्ष से गठबंधन और 2024 को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि 2024 का चुनाव समझौते से ही लड़ा जाएगा। राजभर ने कहा कि अभी हम अकेले उस हैसियत में नहीं हैं कि लोकसभा का चुनाव अपने दम पर लड़ सकें।

राजभर बोले- आज की तारीख में न कोई किसी का दोस्त है, न दुश्मन

ओपी राजभर ने कहा कि आज की तारीख में न कोई किसी का दोस्त है, न दुश्मन है, बड़े नेता सब एक हैं। हमने भाजपा के साथ अपने विचारों से समझौता किया, जब हमारे विचार नहीं मिले तो भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी लखनऊ में समझौता कराने आए, बात नहीं बनी तो हमने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

बता दें, सपा मुखिया अखिलेश यादव और सुभासपा के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने यूपी विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन चुनाव में दोनों के बीच अनबन शुरू हुई और दोनों अलग हो गए। बीते दिनों सुभासपा प्रमुख ने अखिलेश यादव पर उनकी पार्टी तोड़ने का कई बार आरोप लगाया था, लेकिन अब राजभर उसी अंदाज में अखिलेश से बदला लेने की तैयारी कर रहे हैं।