देशभर में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच पुलिसकर्मियों पर लोगों से लॉकडाउन के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराने का दबाव भी बढ़ गया है। हालांकि, इस दौरान पुलिसवालों की सख्ती और बदसलूकी के कुछ मामले भी सामने आए हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक पुलिसवाले को नदी के किनारे खड़े व्यक्ति को लात मारकर गिराते देखा जा सकता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस घटना के लिए पुलिस ने वीडियो सामने होने के बाद माफी मांगने से इनकार कर दिया और सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देकर इसे टालने की कोशिश की।
जिस पुलिसकर्मी को इस वीडियो में दिखाने के दावे किए जा रहे हैं, उनकी पहचान शेषधर पांडे बताई गई है। शेषधर मिर्जापुर के विंध्यांचल कोतवाली पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) हैं। इस बारे में मिर्जापुर पुलिस ने एक बयान भी जारी किया है। इसमें बतायाय गया है कि बुधवार को एक युवक के गंगा में डूब जाने के बाद बड़ी संख्या में लोग विंध्यांचल के दीवान घाट पर जुटे थे। जिस वक्त युवक के शव की खोज की जा रही थी, उस वक्त SHO पांडे भी घटनास्थल पर मौजूद थे।
प्रकरण के संबंध में प्रभारी निरीक्षक विन्ध्यांचल को व्यक्तिगत पत्रावली पर चेतावनी दी गयी एवं सम्पूर्ण घटना क्रम में तथ्यों की जानकारी हेतु क्षेत्राधिकारी नगर को प्रकरण की प्रारंभिक जाँच करने के आदेश दिये गये है।
— Mirzapur Police (@mirzapurpolice) July 29, 2020
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि शेषधर पांडे अपने करीब से गुजर रहे एक व्यक्ति को लात मारकर गिरा देते हैं। वह व्यक्ति सीधा नदी के किनारे पर गिरता भी देखा गया। हालांकि, पुलिस का कहना है कि एसएचओ का इरादा उस व्यक्ति को चोट पहुंचाने का बिल्कुल नहीं था। वे सिर्फ ये कोशिश कर रहे थे कि मौके पर जुटी भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखे। पुलिस के बयान में यह भी कहा गया है कि पांडे उस वक्त फोन पर बात कर रहे थे, उसी वक्त उन्होंने करीब से गुजर रहे व्यक्ति को पैर लगाकर रोकने की कोशिश की। लेकिन गलती से उनके पैर की टक्कर से व्यक्ति नदी में गिर पड़ा।
SHO को मिली चेतावनी
मिर्जापुर पुलिस ने इस वीडियो पर ट्वीट कर कहा कि शेषधर पांडे को इस बारे में एक निजी चिट्ठी भेजी गई है, जिससे उन्हें चेताया गया है। साथ ही घटना में प्रारंभिक जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। इस मामले की जांच मिर्जापुर के डिप्टी एसपी को ही सौंपी गई है। हालांकि, पांडे के एक साथी का कहना है कि वीडियो का ऐसे लिया गया, ताकि सारा दोष उन पर ही आ जाए, जबकि घटना में उनकी कोई गलती नहीं। वे सिर्फ लोगों को दूर-दूर रखने की कोशिश कर रहे थे।