राजनीतिक नेताओं के बयान आम तौर पर रोज-रोज सुर्खियां बनते हैं, लेकिन कभी-कभी उनके बयान विवाद भी खड़ा कर देते हैं। हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिन्ना को लेकर एक बयान दिया, तो उस पर हंगामा मच गया। मंगलवार को यूपी सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने अखिलेश यादव पर कड़ा आरोप लगाते हुए दूसरा बयान दिया तो वह चर्चा का विषय बन गया।
आनंद स्वरूप शुक्ला उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव वही करते हैं और बोलते हैं, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को पसंद आता है। कहा कि “अखिलेश को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संरक्षण और सुझाव मिल रहे हैं। हो सकता है कि उन्हें इस संगठन से आर्थिक मदद भी मिल रही हो।”
शुक्ला ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आईएसआई के इशारे पर ही जिन्ना जैसे नेता का महिमामंडन कर रहे हैं। कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की तुलना जिन्ना जैसे व्यक्ति से करना निंदनीय है। उन्होंने मांग की कि अखिलेश को देश से तुरंत माफी मांगनी चाहिए।
मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि अखिलेश यादव तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं और वे इस काम के लिए धर्म बदलने तक के लिए तैयार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरा इस्लामिक जगत के लिए योगी आदित्यनाथ चुनौती बन चुके हैं। ऐसे में अखिलेश यादव जैसे नेता उनसे संरक्षण पाते हैं। कहा कि “मुस्लिमों की तुष्टिकरण और उनका वोट पाने के लिए अखिलेश यादव नमाज पढ़ते हैं और रोजा रखते हैं। वे धर्मांतरण कराने और खतना कराने के लिए भी राजी हो सकते हैं।
दरअसल पिछले रविवार को सरदार पटेल की 146वीं जयंती के अवसर पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव हरदोई में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में सरदार पटेल की तुलना जिन्ना से कर दी। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने तथा उन्होंने भारत को आजादी दिलाने में मदद की और संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटे।