माफिया मुख्तार अंसारी का बेटे और मऊ विधानसभा सीट से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया गया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार आधी रात करीब पौने बारह बजे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय के प्रयागराज ऑफिस में उनसे 9 घंटे तक पूछताछ की गई। ईडी ने उन्हें अपने पिता मुख्तार अंसारी के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग केस में बयान दर्ज कराने के लिए शुक्रवार सुबह प्रयागराज आफिस में बुलाया था। ईडी ने मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी के बयान दर्ज करने के बाद अब्बास अंसारी से दूसरे राउंड की पूछताछ शुरू करने के बाद देर रात गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ पिछले महीने ईडी ने लुकआउट नोटिस जारी किया था।
कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने की वजह से रात 11 बजे पहले हिरासत में लिया गया। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। अब्बास से पूछताछ के साथ ही उसके ड्राइवर रवि कुमार शर्मा निवासी करंडा गाजीपुर से भी ईडी ने पूछताछ की
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मार्च 2021 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी से इस साल 9 मई को पूछताछ की थी। उसके अगले दिन मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी और विधायक भतीजे शोएब अंसारी से पूछताछ हुई थी। दस दिन बाद अब्बास अंसारी और छोटे बेटे उमर अंसारी से पूछताछ की गई थी।
25 अगस्त को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। वह कोर्ट में सरेंडर नहीं कर रहा था। अब्बास के खिलाफ आर्म्स एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) सहित कई अन्य मामले दर्ज हैं। सितंबर में अब्बास की लोकेशन पंजाब में मिली थी। उसकी तलाश में एक टीम पंजाब भेजी गई थी, लेकिन अब्बास पकड़ में नहीं आया था। उसकी पार्टी के नेता ओपी राजभर ने भी अब्बास से ई़डी के सामने पेश होने की अपील की थी।
21 अक्टूबर को एमपी/एमएलए कोर्ट में किया था समर्पण
कई महीने तक फरारी के बाद अब्बास अंसारी अपने भाई उमर अंसारी और एक अन्य के साथ 21 अक्टूबर को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन और अफसरों को धमकाने के केस में एमपी/एमएलए कोर्ट में समर्पण किया था। जमानत के बाद तीन महीने तक तीनों फिर फरार रहे। सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम राहत मिल गई थी।