लखनऊ के सन हॉस्पिटल के मालिक अखिलेश पांडेय ने तीन मई को अपने अस्पताल के नोटिस बोर्ड पर तीमारदारों से आग्रह किया था कि अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं है। अतएव वे अपने मरीजों को वापस ले जाएं। पांच मई को प्रशासन ने उनके खिलाफ ऑक्सीजन किल्लत की अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कर लिया और 24 मई की रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस बार आरोप है कि उन्होंने एक आदमी पर हमला किया और उसे लूट लिया। मारपीट का आरोप लगाने वाला व्यक्ति एक टीवी न्यूज़ चैनल का कर्मचारी है।

अखिलेश  पांडेय की पत्नी का आरोप है कि गिरफ्तारी इसलिए हुई कि क्योंकि वे लोग ऑक्सीजन वाले केस में प्रशासन के बताए रास्ते पर नहीं चल रहे थे। दरअसल, पांडेय ने उस मामले में हुई एफआइआर को हाइकोर्ट में चैलेंज कर रखा है। 11 मई को इस मामले की सुनवाई में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने पांडेय के खिलाफ गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। पांडेय ने कोर्ट को बताया था कि प्रशासन ने अस्पताल को ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाइ नहीं किए थे। अर्जी में कहा गया था कि सिलिंडर सप्लाइ करने की बाबत जिला प्रशासन का बयान झूठा है।

इस बीच 24 मई को लखनऊ के विभूति खंड थाने में पांडेय के खिलाफ एक टीवी न्यूज चैनल के कर्मचारी नितिन मिश्रा की ओर से बंधक बनाने, लूटने और उगाही का आरोप लगाया गया। विभूति खंड थाने के एसएचओ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने पांडेय को रात के वक्त जाकर गिरफ्तार कर लिया। पांडेय पर धारा 332 (रॉबरी), 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग के इरादे से जानबूझ कर बेइज़्ज़त करना) और धारा 504 (आपराधिक कोटि की धमकी) के तहत केस दर्ज हुआ है। अखिलेश पांडेय की पत्नी प्रीति ने मंगलवार को कहा कि हमने हाइकोर्ट में जिला प्रशासन की शिकायत की है, उसी के जवाब में पति को गिरफ्तार किया गया है। प्रीति ने कहा कि यह हमे धमकाने की कोशिश है।

पांडेय के वकील अभिनव नाथ त्रिपाठी ने बताया कि “टीवी चैनल का एक आदमी उनके मुवक्किल के पास आया और विज्ञापन की मांग करने लगा। उसने मेरे मुवक्किल के साथ मारपीट की। बचाव में मेरे मुवक्किल ने दो-एक थप्पड़ चलाए। लेकिन पुलिस अब मेरे मुवक्किल के खिलाफ पुराने मामले खोदने में लगी है। यह सब साजिश का हिस्सा है।”  वकील ने कहा कि पांडेय ने भी टीवी चैनल वाले के खिलाफ शिकायत लिखाने की कोशिश की थी लेकिन वह दर्ज नहीं की गई।