UP Legislative Council Polls: यूपी में एमएलसी चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ। शाम चार बजे तक चले इस मतदान में कई जगहों पर वोटिंग 90 प्रतिशत को भी पार कर गई है। जिसमें बस्ती, संतकबीर नगर, उन्नाव जैसे नाम शामिल हैं। लगभग सभी मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्वक वोटिंग की खबर है। हालांकि सपा ने ट्वीट करके कहा है कि कई जगहों पर मतदान में धांधली हो रही है। इसके लिए उसने बकायदा एक वीडियो भी शेयर किया है।
वहीं इस चुनाव में सीएम योगी, मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव, राजा भैया, रवि किशन समेत तमाम दिग्गजों ने अपने-अपने का मत का प्रयोग किया है। वहीं कांग्रेस नेता अजय राय ने ट्वीट करके पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- “विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत लगाकर अपने प्रत्याशियों को जिताने वाले मोदी जी क्या विधान परिषद चुनाव में भाजपा प्रत्याशी “सुदामा पटेल” को जिताने नहीं आएंगे? क्या मोदी जी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे”?
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 27 सीटों पर आज मतदान हुआ है। मतदान शनिवार सुबह आठ बजे से शुरू हुआ और शाम चार बजे तक चला। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव मैदान में 95 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। कार्यालय के मुताबिक, विधान परिषद चुनाव में 739 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई है।
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राज्य की लगभग सीटों पर मतदान 90 प्रतिशत से ऊपर हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार अंबेडकरनगर में 98.70 प्रतिशत मतदान हुआ है। झांसी में 98.99 प्रतिशत वोटिंग हुई है। वहीं कौशांबी में 97.24 प्रतिशत मतदान हुआ है।
यूपी एमएलसी चुनाव में शाम चार बजे तक 98.11 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। सबसे ज्यादा चंदौली में मतदान हुआ है। यहां 99.01 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
फर्रुखाबाद में समाजवादी पार्टी के समर्थकों और बीजेपी के समर्थकों के बीच झड़प होने की खबर है। मिली जानकारी के अनुसार सपा प्रत्याशी हरीश यादव और बीजेपी समर्थक के बीच भी हाथापाई हुई है। मामले को संभालने के लिए पुलिस ने सपा समर्थकों पर लाठीचार्ज भी किया।
दोपहर तीन बजे तक बस्ती में 96.36 प्रतिशत मतदान हो चुका है। वहीं संत कबीर नगर में 90.73 प्रतिशत और सिद्धाथनगर में 79.82 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
चुनाव अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मुरादाबाद में दोपहर दो बजे तक 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया राजा भैया ने भी एमएलसी चुनाव के लिए अपने मत का प्रयोग किया। उन्होंने बिहार ब्लॉक में बने मतदान केंद्र पर पहुंचकर वोट डाला।
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं हो रहे हैं। सपा ने ट्वीट करके कहा- "लोकतंत्र को अपने सत्ता के डबल इंजन से कुचल रही बीजेपी। MLC चुनाव मतदान में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और पुलिस-प्रशासन इसमें सहयोगी बने हैं। गाजीपुर के सादात ब्लॉक के पोलिंग सेंटर पर दबंग वोट नहीं करने दे रहे है और फर्जी वोट डाल रहे हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के परिवार के सदस्यों ने सैफई में वोट डाला। इसमें शिवपाल यादव, मुलायम सिंह यादव समेत परिवार के कई सदस्य शामिल थे। शिवपाल यादव ने वोट डालने के बाद कहा कि अच्छे दिन आने वाले हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने कहा- इन चुनावों में बहुत सारी चीज़ें पहली बार हुई हैं। 38 साल बाद कोई सरकार फिर से आई है। उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने 5 साल पूरे करके लगातार दोबारा शपथ ली है। उत्तर प्रदेश के 23 जिलों में क्लीन स्वीप भाजपा ने किया है।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव में शनिवार को शुरुआती चार घंटों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 27 सीटों के लिए मतदान शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना वोट डालने वाले शुरुआती मतदाताओं में से एक थे।
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, राज्य में दोपहर 12.00 बजे तक औसतन 60.92 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जिसमें प्रतापगढ़ में सबसे कम 50.30 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि आगरा-फिरोजाबाद निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 73.81 प्रतिशत मतदान हुआ।
चुनाव कार्यालय के अनुसार, जिन स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान हो रहा है, उनमें मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, पीलीभीत-शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फरुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मेरठ-गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर शामिल हैं। ये 27 सीटें 58 जिलों में हैं।
वहीं, आठ स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों से नौ विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) निर्विरोध चुने गए हैं। विधान परिषद चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। हालांकि, कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। मतों की गिनती 12 अप्रैल को होगी। उत्तर प्रदेश विधान मंडल के उच्च सदन की 36 सीटें 35 स्थानीय अधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्रों में फैली हुई हैं।
गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा- हम इन चुनावों में बहुमत हासिल कर लेंगे...जिस व्यक्ति (गोरखनाथ मंदिर केस का आरोपी) ने पुलिस वालों पर हमला किया, वह वहां मौजूद भक्तों पर भी अटैक कर सकता था। ममता बनर्जी को वोटबैंक की राजनीति बंद कर देनी चाहिए, यह देश को दंगे की ओर लेकर जाती है।
टिकट पाने वालों में देवरिया से डॉ. कफील खान, रामपुर-बरेली से मशकूर अहमद, लखनऊ-उन्नाव से सुनील कुमार साजन, बाराबंकी से राजेश कुमार और मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से उदयवीर सिंह शामिल हैं।
भाजपा की तरफ से चुनावी मैदान में उतारे गए 36 उम्मीदवारों में से पांच समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता हैं, जो फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों से पहले भगवा दल में शामिल हुए थे।
प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय भाजपा के 35, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल व निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है।
राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। वहीं, सदन की 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है।
स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं। इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार सुबह अपना वोट डाला। उन्होंने इस दौरान बताया कि आम लोगों की संपत्ति पर बुल्डोजर नहीं चलेगा।

बता दें कि सीएम ने एक अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘वर्तमान में प्रदेश की 36 सीटों पर विधान परिषद चुनाव हो रहे हैं। इनमें से नौ सीटों पर भाजपा निर्विरोध जीत चुकी है। अगर ये सभी 36 सीटें भाजपा की झोली में आती हैं तो यह मानकर चलिए कि विधान परिषद में पार्टी के दो-तिहाई से अधिक सदस्य होंगे।’’
उन्होंने कहा था कि विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी दो-तिहाई से अधिक बहुमत मिलने पर भाजपा को प्रदेश में विकास कार्यों तथा गरीबों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में किसी भी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय भाजपा के 35, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल व निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है।
राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। वहीं, सदन की 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है। भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए 36 उम्मीदवारों में से पांच समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता हैं, जो फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों से पहले भगवा दल में शामिल हुए थे।
इनमें सुल्तानपुर स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से शैलेंद्र प्रताप सिंह, गोरखपुर-महाराजगंज से सीपी चंद, बलिया से रविशंकर सिंह 'पप्पू', झांसी-जालौन-ललितपुर से राम निरंजन और बुलंदशहर से नरेंद्र भाटी शामिल हैं। रविशंकर सिंह ‘पप्पू’ पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पोते हैं। मेरठ-गाजियाबाद और बुलंदशहर सीट के अलावा (जो सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के लिए छोड़ी गई हैं) समाजवादी पार्टी ने बाकी सभी 34 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।