इटावा जिले के चंबल इलाके के करीब 4000 से अधिक लोग डाक पिन कोड के चलते खासी मुसीबत में फंसे हुए हैं। दरअसल, समस्या यह है कि ये सभी इटावा जनपद के हैं और इनका पिन कोड औरैया का है। इसी वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डाकघर के प्रधान डाक अधीक्षक चंद्रशेखर बरुआ ने बताया कि उनकी जानकारी में पिन कोड की समस्या को लाया गया है। इसे लेकर विभागीय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है ताकि समस्या दूर हो सके।

चकरनगर तहसील की 7 ग्राम पंचायत के लोगों ने बताया दर्द

बताते हैं कि समस्या से परेशान सभी लोग इटावा जिले के निवासी हैं, लेकिन इनका पिन कोड औरैया जिले में संचालित हो रहा है। इस कारण इनका आधार वेरिफिकेशन भी नहीं हो पा रहा है। लोगों का आधार वेरिफिकेशन जी का जंजाल बना हुआ है। जिले की चकरनगर तहसील की 7 ग्राम पंचायत के लोगों ने अपना दर्द बयान किया है। इन ग्राम पंचायत में तीन उप डाकघर है। इनमें जिला इटावा तो लिखा जाता है लेकिन पिन कोड औरैया का रहता है। खास बात यह भी है कि इनका प्रधान डाकघर भी औरैया में ही है।

दरअसल, औरैया जिला कभी इटावा जिले की तहसील हुआ करता था। 25 साल पहले औरैया को जिला बना दिया गया, लेकिन चकरनगर इटावा जिले में ही है। भरेह, हरौली बहादुरपुर, गढाकस्दा, महुआ सूढा, पथर्रा, नीमरी और कछहरी का प्रधान डाक घर अभी भी औरैया जिले में ही है।

इनका पिनकोड 206121 है, जबकि चकरनगर तहसील इलाके की 34 ग्राम पंचायतों का पिन कोड 206125 है, जो इटावा जिले के भरथना का है। पिन कोड आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है। आजकल हर काम में आधार कार्ड की आवश्यकता पड़ती है। बिना उसके कुछ भी संभव नहीं।

जनता को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

स्थानीय लोगों का मानना है कि जब वह किसी कार्य के लिए अपना आधार कार्ड देते हैं तो उसमें पिन कोड औरैया जिले का दर्शाया जाता है। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। यह मामला जिलाधिकारी अवनीश राय के संज्ञान में भी आया है। प्रधान मंजू देवी, अनीता देवी व भूप सिंह निषाद आदि ने डीएम से गांव के पिन कोड को भरथना से जोड़ने की मांग की है ताकि ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ सही ढंग से मिल सके।