Bahraich Incident: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बहराइच हिंसा के पीड़ित परिवार से मुलाकात की। यह मुलाकात लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुई। इस मुलाकात के दौरान राम गोपाल के पिता, मां और पत्नी मौजूद थे। मुख्यमंत्री योगी ने इस मुलाकात की जानकारी तस्वीर शेयर करके दी है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता से पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘जनपद बहराइच की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में काल-कवलित हुए युवक के शोक संतप्त परिजनों से आज लखनऊ में भेंट की। दुख की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता से पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। आश्वस्त रहें, पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना यूपी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इस घोर निंदनीय और अक्षम्य घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी से मुलाकात के दौरान राम गोपाल मिश्रा के पिता कैलाश नाथ रो पड़े। उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि सब बर्बाद हो गया है।

राम गोपाल के पिता बोले दोषियों को मिले सजा

इससे पहले राम गोपाल मिश्रा के पिता कैलाश मिश्रा ने समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि मेरे बेटे की हत्या कर दी गई है। मैं चाहता हूं कि दोषियों को सजा मिले। उन्होंने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। उन्हें इसके लिए सजा मिलनी चाहिए। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुरेश्वर सिंह ने कहा है कि गोलीबारी की घटना की जांच चल रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद हम मौके पर पहुंचे। घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जांच चल रही है। जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।।

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बहराइच में आखिर क्या हुआ?

बहराइच के महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार को दुर्गा मूर्ति के विसर्जन के लिए एक जुलूस निकाला गया था। घाट से करीब तीन किलोमीटर पहले ही एक समुदाय के लोगों ने धार्मिक जगह के सामने तेज आवाज में डीजे बजाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। इसके बाद यह पूरा का पूरा विवाद शुरू हो गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अचानक से एक घर से फायरिंग हुई और पथराव शुरू हो गया। पथराव के दौरान मूर्ति टूट गई और बवाल शुरू हो गया। गोली लगने से राम गोपाल मिश्रा नाम के शख्स की जान चली गई। इसके बाद भीड़ भड़क गई और जमकर तोड़फोड़ हुई। हालांकि, पुलिस को इस पूरे मामले को संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। खुद एसटीएफ चीफ को उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए मोर्चा संभालना पड़ा।