यूपी और बिहार में 11 मार्च को हुए उपचुनाव के नतीजे 14 मार्च को आ गए। बिहार में राजद और भाजपा ने अपनी सीटें बरकरार रखीं, जबकि यूपी में भाजपा के हाथ से दोनों लोकसभा सीटें छिन गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की पुरानी सीट गोरखपुर और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पुरानी सीट फूलपुर सपा के खाते में चली गईं। बिहार में अररिया लोकसभा सीट पर राजद के दिवंगत सांसद तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज राजद के टिकट पर ही चुनाव जीत गए। जहानाबाद और भभुआ की विधानसभा सीटों पर भी पुरानी पार्टी (क्रमश: राजद और भाजपा) का ही कब्जा रहा। वोटों का गणित कहां कैसा रहा, जानिए:
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर सीट पर भी समाजवादी पार्टी ने कब्जा कर लिया। सपा के वोट शेयर में जबरदस्त वृद्धि हुई है। वहीं, बीजेपी को पांच फीसद का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा के पक्ष में 22 फीसद लोगों ने वोट डाला था। वहीं, इस बार यह आंकड़ा 49 फीसद तक पहुंच गया। इस तरह सपा के वोट शेयर में 27 फीसद की वृद्धि हुई। बसपा का 17 प्रतिशत वोट शेयर सीधे सपा के खाते में गया। इसके अलावा कांग्रेस को वोट करने वालों में भी अधिकतर मतदाताओं ने सपा के पक्ष में मतदान किया। कौन जीता: प्रवीण कुमार निषाद (21,961 मतों से विजयी)
फूलपुर: यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीट रहे फूलपुर में सपा को भारी फायदा हुआ है। उसे 47 फीसदी वोट मिले हैं। पिछले लोकसभा चुनाव से 27 फीसदी ज्यादा। भाजपा का वोट शेयर लोकसभा चुनाव की तुलना में 13 प्रतिशत घट कर 39 प्रतिशत रह गया है। यानी सपा के खाते में बसपा और भाजपा, दोनों के वोट आए हैं। सपा को जितने वोटों का फायदा हुआ, उसका करीब दो-तिहाई बसपा के खाते से आया और एक-तिहाई भाजपा के खेमे से। कौन जीता: नागेंद्र सिंह पटेल, सपा (59,213 मतों से विजयी)
अररिया: लोकसभा सीट को राजद अपने पास रखने में सफल रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गया था। राजद उम्मीदवार सरफराज आलम ने भाजपा प्रत्याशी प्रदीप सिंह को हरा दिया। वर्ष 2014 के लोकसभा की तुलना में इस बार राजद के वोट प्रतिशत में 7 फीसद का इजाफा हुआ। पिछले चुनाव में राजद के पक्ष में 42 फीसद लोगों ने मतदान किया था। इस बार यह बढ़ कर 49 फीसद तक पहुंच गया। वहीं, भाजपा को जदयू के साथ आने का फायदा मिला है। चार साल पहले बीजेपी का मत प्रतिशत महज 27 फीसद था। इस बार यह आंकड़ा 43 तक पहुंच गया। इसका मतलब यह हुआ कि बीजेपी के वोट प्रतिशत में 16 फीसद की वृद्धि हुई। भाजपा के पक्ष में जदयू के 23 फीसद वोट का दो तिहाई हिस्सा आया। बाकी राजद के हिस्से में गया। कौन जीता : सरफराज आलम, राजद (61,988 मतों से विजयी)
जहानाबाद: यह विधानसभा सीट पहले से ही राजद के पास थी। लेकिन, लालू प्रसाद यादव के चुनाव प्रचार में हिस्सा न लेने के बावजूद राजद अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में सफल रहा। पिछले विधानसभा चुनाव में राजद के हिस्से में 51 फीसद मत आए थे। इस बार यह आंकड़ा 56 प्रतिशत तक पहुंच गया। भाजपा से दोबारा गठजोड़ करने के बावजूद जदयू के पक्ष में 30 फीसद लोगों ने ही वोट डाला। कौन जीता: कुमार कृष्ण मोहन, राजद (35,036 मतों से विजयी)