लोकसभा चुनाव के बाद कुछ राज्यों की विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। इनमें सबसे ज्यादा 10 सीटें यूपी की हैं। ये उपचुनाव महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के साथ ही कराए जाने की संभावना है। इन उपचुनावों के लिए सभी दल जोरशोर से तैयारी करने और रणनीति बनाने में लगे हैं। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से नौ के मौजूदा विधायकों के सांसद चुने जाने और एक अन्य सीट कानपुर नगर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के विधायक को आगजनी मामले में सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद खाली हुईं हैं।
इन उपचुनावों पर सभी दलों की नजर रहेगी
राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से ये उपचुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए सभी दलों की नजर इन चुनावों में है। चुनावों में जीत तय करने के लिए उम्मीदवारों के चयन में सभी दल लग गये हैं। अभी तक बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। अभी हाल ही में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आजाद रावण ने अपने तीन उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। उन्होंने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर मायावती के लिए चिंता बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि वह बसपा के वोट बैंक में ही सबसे ज्यादा सेंध लगाएंगे।
चंद्रशेखर आजाद रावण ने जिन नामों की घोषणा की है, उनमें गाजियाबाद सदर सीट से चौधरी सतपाल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से जाहिद हसन और मिर्जापुर की मझवां सीट से धीरज मौर्या के नाम शामिल है। उन्होंने ऐलान किया है कि वे जल्द ही बाकी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करेंगे।
इन उपचुनावों में विपक्षी इंडी गठबंधन और एनडीए के बीच जोरदार टक्कर होने की संभावना है। लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की 10 सीट पर होने वाले उपचुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को विपक्षी गठबंधन से ठीक-ठाक चुनौती मिल सकती है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि उपचुनाव वाले ज्यादातर क्षेत्रों के सामाजिक समीकरण बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं।
हालांकि, अभी उपचुनाव की तारीख घोषित नहीं की गई है। भाजपा ने उपचुनाव में सभी 10 सीट जीतने का संकल्प लिया है, लेकिन जानकारों का कहना है कि पार्टी के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होगा, क्योंकि समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।
लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के आंबेडकर सभागार में 14 जुलाई को आयोजित भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कार्यकर्ताओं से कहा था, ”आइए हम सब मिलकर संकल्प लें कि 10 विधानसभा सीट पर होने वाले आगामी उपचुनावों में शत-प्रतिशत विजय हासिल करेंगे।” प्रदेश अध्यक्ष के इस आह्वान के बाद से ही भाजपा ने संगठन से लेकर बूथ स्तर तक पर तैयारियां तेज कर दी हैं और मंत्रियों एवं पदाधिकारियों को एक-एक विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है।