UP By-Election: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी से लेकर सभी दलों ने कमर कस ली है। यूपी की जिन विधानसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं उनमें से ज्यादातर सीटे या तो विधायकों के सांसद बनने की वजह से खाली हुई है। अब भाजपा के सामने यहां बेहतर प्रदर्शन कर संगठन को लोकसभा इलेक्शन में हुए नुकसान की हताशा से उबारने की बड़ी चुनौती है तो सीटों के समीकरण उतने ही जटिल भी हैं। आइए अब जानते हैं कि प्रदेश की कौन-कौन सी सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। यहां पर किस पार्टी को जीत हासिल हुई थी।
किन विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव
अब बात करते हैं कि जिन-जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें यूपी की फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी और कुंदरकी के विधायक इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए। यह 9 सीटें इस तरह खाली हुईं और दसवीं सीट सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी की आपराधिक मुकदमे में सदस्यता रद्द होने की वजह से खाली हुई है। इन सीटों पर उपचुनाव का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन इनके लिए तैयारी मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी शुरू कर दी है।
मैनपुरी की करहल सीट
मैनपुरी की करहल सीट से समाजवादी पार्टी की मुखिया अखिलेश यादव विधायक थे। यह सीट सपा का अभेद्य दुर्ग मानी जाती है। करहल सीट अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद में खाली हुई है। सपा की तरफ से अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट जीती थी। अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी के एसपी सिंह बघेल को करारी शिकस्त दी थी।
सूत्रों के मुताबिक, इस सीट से अखिलेश यादव के परिवार तेज प्रताप सिंह यादव को चुनावी दंगल में उतारा जाना लगभग तय है। वहीं, बीजेपी भी इस तैयारी में पूरी तरह से जुट गई है। करहल विधानसभा सीट से भारती जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष के बेटे शिवम चौहान ने पार्टी से टिकट की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर किसी व्यक्ति को टिकट मांगने का अधिकार है।
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट
अयोध्या की जमीन पर बीजेपी को करारी शिकस्त देने वाले अवधेश प्रसाद की इस सीट पर बीजेपी को अपना बल दिखाना पड़ेगा। अब उप चुनाव के लिए मिल्कीपुर (SC) सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत सपा से टिकट के दावेदार हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी का आलाकमान यह नहीं चाहता है कि अवधेश प्रसाद की बनी हुई इमेज पर कोई असर पड़े। इसलिए वह चाहते हैं कि अवधेश प्रसाद के बेटे के बजाय किसी और उम्मीदवार को टिकट दिया जाए। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पास भी कई सारे दावेदार हैं।
अंबेडकर नगर की कटहरी सीट
अंबेडकरनगर की कटहरी सीट पर समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा विधायक थे और अब वह लोकसभा के सांसद हो गए हैं। वर्मा के इस्तीफे के बाद ही कटेहरी की सीट खाली हो गई है और इसी वजह से इस पर उपचुनाव होना है। आगामी उपचुनाव में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को चुनावी दंगल में उतारा जाए। हालांकि, किसी और दावेदार को भी मौका दिया जा सकता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो दावेदारों की दौड़ में धर्मराज निषाद, अवधेश द्विवेदी के अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष रमाशंकर सिंह का नाम सामने आ रहा है।
मुरादाबाद की कुंदरकी सीट
कुंदरकी सीट से विधायक जिया उर रहमान अब संभल जिले से सांसद बन गए हैं। सपा नेता के इस्तीफे के बाद ही इस सीट पर उपचुनाव होने वाला है। आगामी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी किसी मुस्लिम चेहरे पर ही दांव लगा सकती है। इस सीट से पूर्व सांसद एसटी हसन भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। जियाउर रहमान के पिता भी इस सीट पर मुख्य दावेदारों में से एक है।
कानपुर की सीसामऊ सीट पर होगा उपचुनाव
सीसामऊ अकेली सीट है जहां पर मौजूद विधायक की अयोग्यता की वजह से उपचुनाव होगा। तत्कालीन समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को सजा सुनाए जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। ऐसा कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी इरफान सोलंकी की पत्नी को टिकट देगी। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी की तरफ से काफी सारे दावेदार हैं। इसमें पार्षद से लेकर कई बड़े नाम शामिल है।
गाजियाबाद की विधानसभा सीट पर होंगे उपचुनाव
भारतीय जनता पार्टी के सांसद अतुल गर्ग लोकसभा इलेक्शन में सांसद बन गए हैं। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में गर्ग ने गाजियाबाद विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। बीजेपी ने इस सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार विशाल वर्मा को करारी शिकस्त दी थी। इलेक्शल लड़ने वालों की बीजेपी में लंबी कतारें हैं। कांग्रेस और सपा इस सीट पर साथ में मिलकर चुनाव लड़ेंगे।