यूपी के बरेली में खाकी का खुमार इस कदर बढ़-चढ़कर बोला कि वर्दी वालों ने ही कानून को ठेंगा दिखा दिया। कुछ पुलिसकर्मियों ने ट्रेन को अपनी जागीर समझ लिया और पूरा मामला कैमरे में कैद हो गया। खाकी वर्दी पहने पुलिसकर्मी ने टीटी से यहां तक कह दिया कि हमें पहचानते नहीं हो क्या? टीटी न जब पुलिसकर्मी को गलती बताई तो फिर सीनाजोरी करने लगे। दरअसल, बरेली में श्रमजीवी एक्सप्रेस में 20 पुलिसकर्मी बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। कानून के पहरेदार शायद बिना टिकट यात्रा करना दंडनीय अपराध है ये बात पढ़ नहीं पाए। पुलिसकर्मी टिकट दिखाने की बजाय उलटे टीटी पर रौब झाड़ने लगे। पुलिस ने टीटी को देख लेने की भी धमकी दी। घटना का वीडियो ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों ने बना लिया। अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

ट्रेन में मुफ्त सफर करने के लिए लोग क्या क्या तिकड़म भिड़ाते हैं इसकी एक बानगी पिछले साल अगस्त के इस मामले से भी पता चलती है। पिछले साल अगस्त में महाराष्ट्र के दो लोगों को दिल्ली के निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर नकली रेलवे अधिकारी बनने के लिए पकड़ा गया। ये लोग मुफ्त में ट्रेन की सवारी करना चाहते थे। पुलिस ने बताया कि दोनों की पहचान मार्तंड रुबाब कांबले और ओमकार बैरागी वाघमोडे के रूप में हुई।

इन दोनों ने टीटी बनकर स्टेशन में घुसने की कोशिश की। ये दोनों स्वर्ण मंदिर एक्सप्रेस में सवार भी हो गए थे। सवाल पूछे जाने पर दोनों ने फर्जी पहचान पत्र पेश किए गए। पुलिस ने पाया कि पहचान पत्र नकली थे और आरोपी रेलवे अधिकारी नहीं थे। पुलिस ने कहा कि उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।

पिछले साल जून में रेलवे ने कहा था कि कई सारे छोटे-मोटे अपराधों के लिए वह कारावास की सजा को हटाने की योजना बना रहा है। इसमें टिकट के बिना यात्रा करना भी शामिल है।

मंत्रालय ने कानून के सभी प्रावधानों की व्यापक समीक्षा शुरू कर दी है। कैबिनेट सचिव ने सभी मंत्रालयों को ऐसे छोटे अपराधों की समीक्षा करने के लिए कहा था।

कैबिनेट सचिव ने 1 जून को सभी मंत्रालयों और विभागों को एक पत्र में समीक्षा के लिए कहा था।