उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों में 13 अगस्त को सुबह 11 बजे से लेकर 14 अगस्त सुबह 11 बजे तक 24 घंटे का विशेष सत्र आयोजित होगा, जिसे “विजन डॉक्यूमेंट-2047” के नाम से जाना जाएगा। इसकी थीम है – विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश 2047। इस दौरान मंत्रियों की निरंतर मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए शिफ्टवार ड्यूटी तय की गई है। बुधवार शाम 6 बजे से गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए 28 मंत्रियों का रोस्टर जारी किया गया है, जिसमें सबसे अधिक आठ मंत्री तड़के 3 बजे से 6 बजे की शिफ्ट में रहेंगे। सदन के समय को छह शिफ्टों में बांटा गया है – एक शिफ्ट दो घंटे की और बाकी पांच शिफ्टें तीन-तीन घंटे की होंगी।
विधानसभा में चर्चा की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे, जबकि विधान परिषद में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सबसे पहले बोलेंगे। इस बहस में सभी सदस्य 2047 तक यूपी के विकास की रूपरेखा, जरूरी काम और अपनी दृष्टि साझा कर सकेंगे। मंत्रियों को भी वक्त तय कर भाग लेने का अवसर दिया जाएगा।
विपक्ष की तरफ से समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस चर्चा के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। सपा ने कहा कि वे सदन में मौजूद रहकर भाजपा के “झूठे वादों” का खुलासा करेंगे। सपा विधायक आरके वर्मा ने सवाल उठाया – क्या काला धन वापस आया, हर खाते में 15 लाख रुपये पहुंचे, दो करोड़ लोगों को रोजगार मिला, नोटबंदी से क्या लाभ हुआ और किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कहां गया? सपा मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इस चर्चा को “अनावश्यक” बताया और कहा कि अंतिम रणनीति बुधवार सुबह 10 बजे तय होगी। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मांग की कि सरकार अपने वादे पूरे न करने के कारणों का सार्वजनिक खुलासा करे।
इसी बीच, विधानसभा में मंगलवार को छह विधेयक पारित हुए—उत्तर प्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025 और उत्तर प्रदेश लोक अभिलेख विधेयक 2025।
माल एवं सेवा कर (संशोधन) में धारा 129 के तहत अपील से पहले जमा होने वाली राशि 25% से घटाकर 10% कर दी गई है। निरसन विधेयक के तहत 35 पुराने कानून खत्म कर दिए गए, जिनमें रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय से जुड़े दो कानून और 72 वर्ष पुराने विश्वविद्यालयों के अधिनियम शामिल हैं। निजी विश्वविद्यालय संशोधनों के तहत अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय और गाजियाबाद के डॉ. केएन मोदी विश्वविद्यालय को मंजूरी मिली है। मोटर यान कराधान संशोधन के तहत अब वाहनों पर एकमुश्त कर लगेगा, जिससे वाहन मालिकों को बार-बार कर जमा करने की जरूरत नहीं होगी।