दिल्ली के जू में बीमार बंगाल टाइगर ने एक कर्मचारी की उंगली ही काट दी। दरअसल कर्मचारी टाइगर के पिंजरे में पानी रख रहा था, लेकिन कटोरी रखने के बाद वह अपना हाथ जल्दी से बाहर नहीं निकाल पाया और पिंजरे में मौजूद टाइगर ने उसे घायल कर दिया, इस दौरान कर्मचारी के अंगूठे में भी फ्रैक्चर हो गया। जू के अधिकारियों का कहना है कि 8 साल के इस टाइगर ने उंगली को खाया नहीं।
नाकाम रही उंगली जोड़ने की कोशिशः एचटी के मुताबिक पीड़ित 45 वर्षीय फतेह सिंह इस घटना के बाद तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने टूटी हुई उंगली को फिर से जोड़ने की कोशिश की। लेकिन ज्यादा चोटिल होने के चलते यह प्रक्रिया बीच में ही छोड़नी पड़ी। रिपोर्ट में डॉक्टर के हवाले से लिखा गया, ‘सर्जरी और ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट ने पहले उंगली जोड़ने की कोशिश की थी लेकिन बहुत छोटी हड्डी बची थी, जिसके चलते ऐसा नहीं हो पाया।’
2014 में मैसूर से लाया गया था यह टाइगरः पीटीआई के मुताबिक जू क्यूरेटर रियाज खान ने कहा, ‘बंगाल टाइगर ठीक नहीं है। बरेली से आए पशु चिकित्सकों और जू डायरेक्टर रेणु सिंह ने सोमवार (9 सितंबर) की रात को ही निरीक्षण किया था। ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।’ इस बंगाल टाइगर को राम नाम दिया गया था, इसे 2014 में मैसूर से लाया गया था। एक अन्य जू ऑफिसर ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर मीडिया से कहा, ’27 जुलाई से ही उसकी तबीयत खराब है। तब से वह ठीक से खा भी नहीं रहा है। 14 अगस्त को दिल्ली जू के वेटरनरी ऑफिसर ने निरीक्षण करवाया था।’
‘लगातार निरीक्षण से झुंझलाया टाइगर’: एक अधिकारी का मानना है कि लगातार निरीक्षण के चलते टाइगर झुंझला गया होगा। इस पिंजरे में एक पैनल भी लगा है जिसकी मदद से पशु को इधर-उधर घूमने से रोका जा सकता है। आमतौर पर टीका लगाने और मेडिकल जांच के दौरान इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि सितंबर 2014 में दिल्ली के ही जू में एक टाइगर ने अपने बाड़े में कूदे एक 20 वर्षीय शख्स को मार डाला था।
भारत में ज्यादा पाए जाते हैं इस प्रजाति के टाइगरः बंगाल टाइगर मुख्यतः भारत में ही पाया जाता है। हालांकि बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, चीन और म्यांमार में भी इसकी प्रजाति पाई जाती है। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के मुताबिक दुनियाभर में इस प्रजाति के लगभग ढाई हजार टाइगर हैं।