ज्ञानवापी मामले पर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की ओर से अपने-अपने दावे किये जा रहे हैं। इस बीच केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि काशी भगवान शिव की बसाई नगरी है। इस्लाम सातवीं शताब्दी में अस्तित्व में आया है। यहां सब कुछ भगवान शिव का है। उन्होंने कहा कि किराएदार गुमराह कर सकता है, लेकिन फैसला मकान मालिक के हक में ही आएगा।
केंद्रीय कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल सोमवार ( 23 मई, 2022) को औरैया में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा कि काशी को भगवान शिव ने बसाया है, जबकि इस्लाम सातवीं शताब्दी में ही अस्तत्वि में आया है। उन्होंने कहा कि द्वापर युग का कार्यकाल ही 5400 साल है। यहां सतयुग भी रहा है, त्रेता भी रहा है। उन्हें यह सोचना चाहिए। यह देश संविधान से चलेगा। रूल ऑफ लॉ से चलेगा। किसी के विरोध करने से या भीड़तंत्र से यह देश नहीं चलेगा।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने दावा किया, ‘जो इस्लाम सातवीं शताब्दी में आया है। हमारे यहां द्वापर का कार्यकाल 5400 साल है, सतयुग भी रहा, त्रेता भी रहा। कलयुग भी आ गया तो उन लोगों को सोचना चाहिए एक किराएदार किसी भी वाद में मकान मालिक को गुमराह नहीं कर सकता है। फैसला मकान मालिक के पक्ष में आता है’।
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद को लेकर पिछले दिनों यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कई ट्वीट किए थे। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था, ‘सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए, लेकिन एकदिन सामने आ ही जाता है। क्योंकि सत्य ही शिव है…बाबा की जय, हर-हर महादेव’।
ज्ञानपावी मस्जिद केस को लेकर कानपुर की बिठूर विधानसभा से बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा का भी पिछले दिनों भड़काऊ बयान सामने आया था। सांगा ने कहा था कि महाभारत में कौरवों की सभा में भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को पांच गांवों दिए जाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन कौरवों ने इसे नहीं माना था। जिसके बाद महाभारत हुई। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि तीन मंदिर मांगे गए तो जो नहीं मिले, अब तो सारे मंदिर वापस लिए जाएंगे।