केरल में आश्रम चलाने वाले धर्म गुरु के आश्रम पर अज्ञात हमलावरों ने शुक्रवार (26 अक्टूबर) और शनिवार (27 अक्टूबर) की दरमियानी रात करीब 2.30 बजे हमला कर दिया। धर्म गुरु, 10 से 50 साल की आयु वाली महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन कर रहे थे। तिरुवनंतपुरम के बाहरी इलाके में स्थित इस आश्रम पर हमला करने वालों ने दो कारों और एक स्कूटर को भी आग के हवाले कर दिया। हमलावरों ने आश्रम के बाहर धमकी भी चिपका दी।
स्वामी संदीपानंद गिरि भगवदगीता शिक्षण महिला विद्यालय, केरल के तिरुवनंतपुरम के बाहरी इलाके में स्थित है। हमलावरों ने रात करीब 2.30 बजे आश्रम के बाहर खड़ी दो कारों और एक स्कूटर को आग के हवाले कर दिया। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, आश्रम के बाहर खड़ी सफेद रंग की मारूति सुजुकी ओमनी और होंडा सीआरवी को आग के हवाले कर दिया गया। रिपोर्ट में ये कहा गया है कि हमले के बाद आश्रम की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सुबह आश्रम का दौरा किया और हमले की निंदा की। विजयन ने कहा,”किसी को मारने-पीटने की घटना तब होती है जब आप अपनी विचारधारा से उससे नहीं निपट पाते हैं। हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। आश्रम पर हमला उन लोगों ने किया है जो स्वामी की गतिविधियों के प्रति असहिष्णु हैं।”
केरल के वित्त मंत्री टॉमस इसाक ने आरोप लगाया कि आगजनी की ये घटना दरअसल हत्या की कोशिश थी। इसाक ने कहा,”स्वामी संदीपानंद गिरि सभी उम्र की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का समर्थन कर रहे थे। जबकि वह इस फैसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बयानों का विरोध कर रहे थे। इस आश्रम में सिर्फ स्वामी और अन्य कुछ लोग ही रहते हैं। आग इस तरह से लगाई गई थी कि वह पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले ले। जब बाहर मौजूद लोगोें ने स्वामी को आग के बारे में बताया उन्हें तभी पता चल सका कि बाहर आग लगी हुई है। ये सौभाग्य की बात है कि फायर ब्रिगेड मौके पर वक्त रहते पहुंच गई। ये स्वामी अयप्पा के असली भक्तों पर किया गया हमला है।”
संदीपानंद गिरि, आश्रम के निदेशक भी हैं। संदीपानंद गिरि को भी महिलाओं के मासिक धर्म की आयु में सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करने पर धमकियां मिली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने स्वामी अयप्पा के सबरीमाला मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा को अपने फैसले से पलट दिया था। इसी महीने पांच दिन के लिए खोले गए मंदिर में भारी विरोध और हिंसा का सामना करना पड़ा था। पूरे राज्य से करीब 2,800 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जबकि 495 मामले दर्ज किए गए थे। प्रशासन ने भी मंदिर प्रवेश पर लोगों के विरोध को तोड़ने के लिए अभियान चलाया था।