राजस्थान विधानसभा चुनाव में पहले ही राजपूतों की नाराजगी झेल रही भाजपा के लिए मुसीबतें और बढ़ सकती है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा बगावत के गवाह बने हाड़ौती क्षेत्र में यह समस्या और ज्यादा है। यहां तक की खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मुश्किल में दिख रही हैं। कोटा में कई जगह प्रत्याशियों के झगड़ों से राजपूत लोग नाराज बताए जा रहे हैं। भाजपा नेताओं को राजपूत समाज के लोगों ने अपनी ताकत दिखाने की चेतावनी भी दी है।
भाजपा और प्रशासन को चेतावनीः करणी सेना की तरफ से लगाए गए आरोपों के मुताबिक कोटा उत्तर विधानसभा के सकतपुरा में उनके संगठन के कुछ लोग कांग्रेस कार्यालय में बैठे थे। तभी स्थानीय भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के कार्यकर्ताओं परमानंद तंवर और अर्जुन तंवर ने उनके साथ मारपीट की। इस घटना के सर्व राजपूत समाज और करणी सेना ने पुलिस को शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर इस तरह से समाज के लोगों के साथ यह दुर्व्यवहार और मारपीट आगे कभी हुई तो इसका खामियाजा प्रशासन को भुगतना पड़ेगा। साथ ही भाजपा प्रत्याशी गुंजल को चेतावनी दी कि यदि गुंडागर्दी बंद नहीं की तो चुनाव में राजपूत समाज की ताकत दिखा देंगे।
डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं राजनाथ सिंहः गौरतलब है कि इससे पहले करणी सेना भाजपा के विरोध और वसुंधरा के खिलाफ लड़ रहे मानवेंद्र सिंह को जीताने का भी आह्वान कर चुकी है। राजस्थान में राजपूतों के इस गुस्से पर काबू करने के लिए भाजपा ने अपने स्टार प्रचारक गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी लगाया हुआ है। यहां भाजपा के लिए राजपूतों के लिहाज से एकमात्र राहत की बात यह है कि इलाके के बड़े राजपूत नेता और राजघराने से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद इज्यराज सिंह ने इस बार कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। ऐसे में उनके होने से भाजपा को कुछ राहत मिल सकती है।

