मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक मार्च से शुरू होने वाली 10वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने जा रहे हजारों उम्मीदवारों में शामिल गुरदीप कौर वासु (Gurdeep Kaur Vasu) सबसे खास हैं। पढ़ाई को लेकर गजब की ललक रखने वाली 32 साल की यह महिला बोल, सुन और देख नहीं सकती, लेकिन उनकी आंखों में एक आम विद्यार्थी की तरह पढ़-लिखकर अच्छा रोजगार हासिल करने का सपना है।
जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) मंगलेश कुमार व्यास ने सोमवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अलग-अलग दिव्यांगता से प्रभावित 32 वर्षीय गुरदीप कौर वासु ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए स्वाध्यायी उम्मीदवार के तौर पर आवेदन किया है।
उन्होंने बताया, “मेरी जानकारी के मुताबिक, यह राज्य के माध्यमिक शिक्षा मंडल के इतिहास का पहला मामला है, जब बोल, सुन और देख नहीं पाने वाला कोई उम्मीदवार हाईस्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा में बैठेगा। गुरदीप एक होनहार छात्रा हैं और उन्होंने 10वीं की परीक्षा के लिए बड़ी तैयारी की है। ऐसे में हम चाहेंगे कि उन्होंने पढ़ाई के वक्त जो कुछ भी सीखा है, वह परीक्षा के दौरान उनकी उत्तरपुस्तिका में दर्ज हो सके।”
मंगलेश कुमार ने बताया कि गुरदीप की विशेष स्थिति को देखते हुए उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल के नियमों के मुताबिक परीक्षा के दौरान सहायक लेखक मुहैया कराया जाएगा जो सांकेतिक भाषा का जानकार होगा।
शहर में दिव्यांगों के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था (NGO) “आनंद सर्विस सोसायटी” ने विशेष कक्षाएं देकर गुरदीप को 10वीं की परीक्षा के लिए तैयार किया है। संस्था की निदेशक और सांकेतिक भाषा की जानकार मोनिका पुरोहित ने बताया, “गुरदीप किसी व्यक्ति के हाथों और उंगलियों को दबाकर उससे संकेतों की भाषा में संवाद करती हैं। हमें भी गुरदीप तक अपनी बात पहुंचाने के लिए इसी भाषा के मुताबिक उनके हाथों और अंगुलियों को दबाना होता है।”
गुरदीप पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी दफ्तर में कम्प्यूटर पर काम से जुड़ा रोजगार हासिल करना चाहती हैं। गुरदीप ने 10वीं की परीक्षा के लिए सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, चित्रकला और विज्ञान विषय चुने हैं। गुरदीप की छोटी बहन 26 वर्षीय हरप्रीत कौर वासु इस परीक्षा की तैयारी में उनकी मदद कर रही हैं।
हरप्रीत ने पीटीआई को बताया, ‘‘गुरदीप की हमेशा जिद रहती है कि उन्होंने कक्षा में जो सबक सीखा है, उसे वह घर पर ब्रेल लिपि की मदद से मेरे साथ बैठकर दोहराएं। शिक्षा के प्रति उनकी यह ललक देखकर मैं अपनी पढ़ाई उनकी पढ़ाई के बाद करती हूं।”