महाराष्ट्र के सियासी नाटक पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो लोग अनुमान लगा रहे थे कि यह सरकार आज गिर जाएगी, वे सुप्रीम कोर्ट के चुप हो गए हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को नैतिकता पर बोलने का अधिकार नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि महा विकास अघाड़ी का षड्यंत्र हार गया है। अगर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह लीगल है। उद्धव ठाकरे ने नैतिकता के आधार पर नहीं बल्कि हार के डर से इस्तीफा दिया था।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “इस्तीफा आपने किया था। आपके पास अल्पमत था, कितने लोग बचे थे? उन्हें पता था उनकी हार हो जाएगी और तब राज्यपाल ने निर्णय लिया जो सही था…शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का काम हमने किया है।”
उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि नैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना की सरकार बन जाती लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बातचीत में कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने तब के महाराष्ट्र के राज्यपाल के बारे में क्या कहा, मैं उस पर बात नहीं करूंगा, लेकिन मैं यह कहूंगा कि उन्होंने उस समय की स्थिति के अनुसार काम किया। क्या होता अगर फ्लोर टेस्ट हुआ होता और उनकी सरकार इसमें फेल हो जाती?”
उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि क्या वह सुप्रीम कोर्ट या चुनाव आयोग से ऊपर हैं कि वह हमें अपना व्हिप या कोई अन्य पदाधिकारी नियुक्त नहीं करने देंगे और हमें शिवसेना नाम का इस्तेमाल नहीं करने देंगे।